बलरामपुर: देवी पाटन मंदिर में योगी आदित्यनाथ ने किया दर्शन-पूजन, स्कूली बच्चों से बांटी टॉफी-चॉकलेट

Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 15 Mar, 2024 01:35 PM

balrampur yogi adityanath performed darshan and worship

दो दिवसीय दौरे पर पूर्वी उत्तर प्रदेश के बलरामपुर पहुंचे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दूसरे दिन शुक्रवार को सुबह सुबह 51 शक्तिपीठों में से एक देवी पाटन मंदिर में दर्शन पूजन किया। मंदिर में विधि विधान से दर्शन पूजन...

बलरामपुर: दो दिवसीय दौरे पर पूर्वी उत्तर प्रदेश के बलरामपुर पहुंचे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दूसरे दिन शुक्रवार को सुबह सुबह 51 शक्तिपीठों में से एक देवी पाटन मंदिर में दर्शन पूजन किया। मंदिर में विधि विधान से दर्शन पूजन के उपरांत मुख्यमंत्री ने देवीपाटन मंदिर में निर्माणाधीन कार्यों का निरीक्षण किया। उन्होंने यहां गौशाला में गौ-सेवा की और श्री मां पाटेश्वरी सेवाश्रम चिकित्सालय का निरीक्षण करते हुए अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।

इसके उपरांत मुख्यमंत्री भवनियापुर स्थित मां पाटेश्वरी पब्लिक स्कूल पहुंचे। यहां उन्होंने स्कूली बच्चों संग कुछ देर व्यतीत किया। सीएम योगी ने बच्चों से उन्हें मिलने वाली सुविधाओं के बारे में जानकारी प्राप्त की। मुख्यमंत्री को देख बच्चों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। सीएम योगी ने बच्चों को टॉफियां और चॉकलेट भी बांटी। इसके बाद वह मां पाटेश्वरी देवी राज्य विश्वविद्यालय के भूमिपूजन और शिलान्यास कार्यक्रम में शामिल होने रवाना हो गए।

कोइलरा स्थित मां पाटेश्वरी देवी राज्य विश्वविद्यालय के भूमिपूजन समारोह के उपरांत जनसभा को संबोधित करते हुए योगी ने कहा कि जिस बलरामपुर में एक विश्वविद्यालय की बात कभी कल्पना थी, हम आज उसे साकार करने जा रहे हैं। मां पाटेश्वरी की कृपा, भगवान श्रीराम के पुत्र लव की राजधानी, बुद्ध की तपोभूमि और महाराजा सुहेलदेव के शौर्य और पराक्रम की भूमि के सौंदर्य को चंद माफिया और आपराधिक तत्वों ने कुंद करने का कार्य किया था। हम सब इसी संकल्प के साथ सत्ता में आए हैं कि राजनीति का अपराधीकरण हर्गिज नहीं होने देंगे, जो भी हमारे नौजवानों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करेगा उसको उसकी कीमत चुकानी पड़गी।  

इस अवसर पर उन्होंने बलरामपुर की 1488.89 करोड़ की 466 विकास परियोजनाओं और श्रावस्ती की 260.37 रुपए करोड़ की 31 विकास परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री की प्रेरणा और मार्गदर्शन से आकांक्षात्मक जनपदों को विकसित जनपदों की श्रेणी लाने का प्रयास हो रहा है। बलरामपुर और श्रावस्ती का गौरवशाली इतिहास रहा है। यहां मां पाटेश्वरी की कृपा पूरे क्षेत्र में बरसती है। भारत और नेपाल के श्रद्धालु हर साल बड़ी संख्या में यहां दर्शन करने आते हैं। श्रावस्ती को मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम के पुत्र लव ने अपनी राजधानी बनाया था। यही नहीं श्रावस्ती में भगवान बुद्ध ने चातुर्मास व्यतीत किया था। दसवीं ग्यारहवीं सदी में अपने शौर्य और पराक्रम से भारत की स्वाधीनता और स्वाभिमान को बनाए रखने वाले महाराज सुहेलदेव यहीं के राजा थे, जिन्होंने विदेशी आक्रांताओं को रौंदने का कार्य किया था। 

उन्होंने कहा कि जिस श्रीराम जन्मभूमि पर भगवान राम के विराजमान होने के गौरवमयी क्षण के हम हाल ही में साक्षी बने हैं, उसके लिए 1949 से रामजन्म भूमि आंदोलन की शुरुआत इसी बलरामपुर की धरती से हुई थी। यहां लिया गया हर संकल्प अवश्य पूरा होता है। यहां राष्ट्रऋषि नाना जी देशमुख ने अपनी साधना से एक पहचान पाई थी। इसी धरती से अटल जी ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की थी। ये धरती पहले से ही प्रकृति और परमात्मा की कृपा की धरती रही है, लेकिन चंद माफिया और आपराधिक तत्वों ने इस धरती के सौंदर्य को कुंद करने का कार्य किया था। राजनीति का अपराधीकरण इस पूरी व्यवस्था में सबसे बड़ी बाधा थी। मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी ने सोचा भी नहीं होगा कि देवी पाटन मंडल में कभी मेडिकल कॉलेज होंगे, विश्वविद्यालय और एयरपोर्ट होंगे। उन्होंने बताया कि आज यहां 350 बेड वाले अस्पताल का उद्घाटन किया गया है। अगले वर्ष तक बलरामपुर जिले को मेडिकल कॉलेज भी हम देने जा रहे हैं। 
 

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