Edited By ,Updated: 24 Sep, 2015 06:34 PM
बी.एस.पी. की राष्ट्रीय अध्यक्ष, सांसद (राज्यसभा) व पूर्व मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश मायावती ने सपा शासनकाल में अगस्त सन् 2013 में हुये भीषण मुजफ़्फ रनगर साम्प्रदायिक दंगे,..
लखनऊ (नासिर): बी.एस.पी. की राष्ट्रीय अध्यक्ष, सांसद (राज्यसभा) व पूर्व मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश मायावती ने सपा शासनकाल में अगस्त सन् 2013 में हुये भीषण मुजफ़्फ रनगर साम्प्रदायिक दंगे, जिसमें काफी जान-माल की हानि हुई थी, से सम्बन्धित जस्टिस (अवकाशप्राप्त) विष्णु सहाय आयोग की रिपोर्ट को तत्काल सार्वजनिक करने की मांग करते हुये कहा कि इंसाफ व क़ानून के राज की हर जगह व हर स्तर पर हमेशा यह मांग रहती है कि दोषियों को समय पर सख्त से सख्त सज़ा दी जाये।
यह जानकारी आज यहां बसपा प्रमुख ने मायावती ने दी। उन्होने कहा कि वैसे तो समाजवादी पार्टी की सभी हुकूमतों के दौरान उत्तर प्रदेश में भीषण साम्प्रदायिक दंगे होते रहे हैं और लोगों की व्यापक जान-माल की हानि होती रही है, परन्तु मुजफ्फरनगर दंगा, जो कि बाद में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अन्य जि़लों शामली, मेरठ व सहारनपुर आदि तक में भी फैल गया गया था, में सपा सरकार की घोर लापरवाही व अकर्मन्यता के साथ-साथ भाजपा से उसकी मिलीभगत के कारण काफी गम्भीर रूप धारण करके काफी लम्बे समय तक लोगों को प्रताडि़त करता रहा था, जिस कारण काफी बड़े पैमाने पर मुस्लिम समाज के लोगों का पलायन भी हुआ था और जो आजतक विस्थापित हैं।
इतना ही नहीं बल्कि सरकारी ज़मीन पर शरण लेने वाले हज़ारों लोगों पर इस सपा सरकार ने बुलडोजर तक चलवा कर उन्हें बेघर व बेआसरा छोड़ दिया था। न्यायमूर्ति सहाय आयोग ने काफी लम्बा समय लेकर 775 पन्नों वाली अपनी रिपोर्ट सरकार को कल सौंप दी है, जिस पर बी.एस.पी. की प्रतिक्रिया इस रिपोर्ट के सार्वजनिक होने के बाद ही दी जा सकती है, परन्तु पीड़ित परिवारों को कितना न्याय व दोषियों को कितना दण्ड मिल पायेगा, यह बहुत कुछ राज्य सरकार की मंशा व इच्छाशक्ति पर निर्भर करता है और इस सपा सरकार की इस मामले में अब तक की कारगुजारियों को देखकर यह मुश्किल लगता है कि दोषियों को दण्ड मिल पायेगा, बल्कि केवल लीपापोती करके मामले को ठण्डे बस्ते में डाल देने का प्रयास किया जायेगा, जैसाकि इस प्रकार के मामलों में अब तक होता रहा है।