Edited By Anil Kapoor,Updated: 11 Mar, 2019 12:01 PM
समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव अपने पिता और पार्टी संरक्षक मुलायम सिंह यादव के संसदीय क्षेत्र आजमगढ़ से आगामी लोकसभा चुनाव में किस्मत आजमा सकते हैै। जातीय समीकरण के लिहाज से सपा के मजबूत गढ़ के तौर पर पहचानी जाने वाली आजमगढ़ सीट पर ....
लखनऊ: समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव अपने पिता और पार्टी संरक्षक मुलायम सिंह यादव के संसदीय क्षेत्र आजमगढ़ से आगामी लोकसभा चुनाव में किस्मत आजमा सकते हैै। जातीय समीकरण के लिहाज से सपा के मजबूत गढ़ के तौर पर पहचानी जाने वाली आजमगढ़ सीट पर अखिलेश को बहुजन समाज पार्टी (बसपा) का भी सहारा मिलेगा। शुक्रवार को सपा ने 9 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की थी हालांकि इसमें सपा अध्यक्ष का कोई जिक्र नही था। इस सूची में मुलायम को मैनपुरी सीट से उम्मीदवार बनाया गया है। इससे संभावना जताई जा रही है कि सपा अध्यक्ष इस चुनाव में आजमगढ़ से चुनाव मैदान पर उतर सकते हैें।
लोकसभा चुनाव बसपा के साथ मिलकर लड़ रही सपा को आजमगढ में परंपरागत यादव मतदाताओं के अलावा मुस्लिम और दलित वोट भी हासिल हो सकते हैं। अखिलेश इससे पहले कन्नौज से चुनाव लड़कर जीतते रहे हैं। हालांकि इस समय वह लोकसभा अथवा राज्यसभा के सदस्य नहीं है। यहां तक कि उन्हें विधानसभा अथवा विधान परिषद की भी सदस्यता हासिल नहीं हैे। शुक्रवार को जारी सपा उम्मीदवारों की लिस्ट में शामिल मुलायम को पिछले चुनाव में मैनपुरी के अलावा आजमगढ़ में भी जीत हासिल हुई थी। हालांकि उन्होंने मैनपुरी सीट छोड़ दी थी जिसका बाद में यादव परिवार की तीसरी पीढ़ी के सदस्य तेज प्रताप सिंह ने प्रतिनिधित्व किया था।
वर्ष 2014 में मोदी लहर के बावजूद मुलायम सिंह यादव ने मैनपुरी में साढे ती3 लाख वोटों के विशाल अंतर से जीत हासिल की थी। उन्होंने यह सीट 1996,2004 और 2009 में भी झटकी थी। मैनपुरी सीट की तुलना में वह आजमगढ़ में कम वोटों से विजयी हुए थे। यहां उन्हें भाजपा के अलावा बसपा से भी टक्कर मिली थी। यहां दिलचस्प है कि मुलायम के अनुज शिवपाल यादव ने इस सीट पर अपनी पार्टी के चुनाव चिन्ह पर उन्हे चुनाव लड़ने को आमंत्रित किया था।