आलेख फाउंडेशन ने एक शानदार सांस्कृतिक शोकेस के साथ अनंत समागम का किया समापन

Edited By Imran,Updated: 29 Oct, 2024 02:23 PM

aalekh foundation organised a wonderful cultural showcase

आलेख फाउंडेशन द्वारा आयोजित दो दिवसीय सांस्कृतिक उत्सव अनंत समागम का दिल्ली के त्रावणकोर पैलेस में पूर्वोत्तर भारत और केरल की जीवंत संस्कृतियों के शानदार उत्सव के साथ सफलतापूर्वक समापन हुआ। इस कार्यक्रम में दोनों क्षेत्रों के संस्कृतियों की झलक...

दिल्ली: आलेख फाउंडेशन द्वारा आयोजित दो दिवसीय सांस्कृतिक उत्सव अनंत समागम का दिल्ली के त्रावणकोर पैलेस में पूर्वोत्तर भारत और केरल की जीवंत संस्कृतियों के शानदार उत्सव के साथ सफलतापूर्वक समापन हुआ। इस कार्यक्रम में दोनों क्षेत्रों के संस्कृतियों की झलक दिखाने की कोशिश की गई। दिल्ली-एनसीआर में दिवाली के मौसम के बीच इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया। अमेजिंग नमस्ते फाउंडेशन के सहयोग से आयोजित इस कार्यक्रम का उद्देश्य भौगोलिक रूप से दूर लेकिन सांस्कृतिक रूप से जुड़े इन क्षेत्रों के बीच जीवंत सांस्कृतिक आदान-प्रदान को समझना और उसको सेलिब्रेट करना है, जिसमें इन दो अलग-अलग लेकिन एक दूसरे के पूरक परिदृश्यों की कला, संगीत और पाक कला की समृद्धि को दिखाया गया।

अनंत समागम एक बहुत ही अनूठा सांस्कृतिक संगम उत्सव का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में कई प्रमुख प्रदर्शनी लगाई गई थी।  इन प्रदर्शनियों में पूर्वोत्तर और केरल से आए बुनकरों के साथ हस्तशिल्प की प्रदर्शनी, कलाकृतियां और मिट्टी के बर्तन बनाने आदि की प्रदर्शनी शामिल थी। फूड कोर्ट में भोजन संबंधी चर्चा और डेमो के अलावा दोनों क्षेत्रों के पकवान और लजीज व्यंजन प्रदर्शित किए गए। 
PunjabKesari
अनंत समागम के पीछे के विजन पर टिप्पणी करते हुए आलेख फाउंडेशन के संस्थापक और प्रबंध निदेशक डॉ. रेनी जॉय ने कहा, "अनंत समागम के साथ हमारा विजन इस कार्यक्रम से आगे बढ़कर पूर्वोत्तर भारत और केरल के बीच संबंधों को बढ़ावा देना है, जो दो साझा सांस्कृतिक विरासत वाले क्षेत्र हैं। यह मंच समुदायों के लिए साझा विरासत और रचनात्मक भावना को फिर से खोजने का एक निमंत्रण है जो हमें एक राष्ट्र के रूप में परिभाषित करता है। इन कला रूपों, परंपराओं और इनोवेशन को प्रदर्शित करके, हम न केवल अतीत का सम्मान कर रहे हैं, बल्कि भविष्य की पीढ़ियों को इस अविश्वसनीय सांस्कृतिक विविधता की सराहना करने और इसे आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित भी कर रहे हैं।"

इस महोत्सव में कई समृद्ध पैनल चर्चाएं भी हुईं, जिनमें प्रमुख विषयों पर चर्चा की गई है। वह इस प्रकार से हैं-  "बुनाई की कहानियां: भारतीय वस्त्रों में विरासत और नवाचार", "एम्पाउर हर: भारत की विकास कहानी में महिलाओं की भूमिका को फिर से परिभाषित करना", "परंपरा की प्रतिध्वनि: भारत की प्रदर्शन कलाओं की लय", "बांस की टहनियों से लेकर इलायची के रास्ते: पूर्वोत्तर और केरल के बीच पाककला संबंध", "कल का निर्माण: भारत की सांस्कृतिक अर्थव्यवस्था में निवेश के अवसर", "सिनेमाई संगम: मुख्यधारा के सिनेमा को आकार दे रही मलयालम और पूर्वोत्तर फिल्में", "भारत की खोज: सांस्कृतिक पर्यटन की संभावनाओं को खोलना", और "शब्द जो बांधते हैं: साहित्य के माध्यम से संस्कृतियों को बुनना"। विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों ने समकालीन भारत पर इन परंपराओं के सांस्कृतिक और आर्थिक प्रभाव के बारे में अपने विचार साझा किए।
PunjabKesari
इस असाधारण सांस्कृतिक समागम में के-पॉप सनसनी ऑरा का आकर्षक संगीत कार्यक्रम के मुख्य केंद्र में रहा । इस लाइव कॉन्सर्ट के बीच, ऑरा का प्रदर्शन एक चमकते हुए मुकुट के समान सभी के बीच चर्चा का विषय रहा है। ऑरा का परफॉर्मेंस न केवल उनके मैग्नेटिक के-पॉप आकर्षण के लिए बल्कि भारतीय संस्कृति के साथ उनके गहरे जुड़ाव का रूप भी देखने को मिला। संगीत कार्यक्रम के दौरान, ऑरा ने असमिया और मलयालम दोनों में अपना परफॉर्मेंस दिया, जो किसी भी अंतरराष्ट्रीय कलाकार के लिए एक अभूतपूर्व उपलब्धि है, जिसने इन भाषाओं में गाने की उनकी प्रतिभा को उजागर किया और उन्हें अंतर-सांस्कृतिक एकता का प्रतीक बना दिया। इस कार्यक्रम में एक शानदार रॉक संगीत कार्यक्रम भी प्रस्तुत किया गया, जिसमें एवियल नामक प्रतिष्ठित मलयालम रॉक बैंड ने अपनी कला का परचम लहराया। एवियल ने अपने  बेहतरीन परफॉर्मेंस के लिए कार्यक्रम के दौरान प्रसिद्धि प्राप्त की। इसके साथ ही रूडी एंड द कूल कैट्स और द म्यूजिकल ट्राइबल वॉरियर्स ने भी अपने संगीत से दर्शकों का मन मोह लिया।

कुलिनरी (पाक कला) डिस्कशन सेशन में मास्टर शेफ इंडिया के जज राकेश रघुनाथन ने एक ज्ञानवर्धक प्रदर्शन प्रस्तुत किया,"पवित्र प्रसाद: मंदिर के रसोईघरों से कविता और पाककला का इतिहास", जिसमें पारंपरिक व्यंजनों को मंदिर की परंपराओं की कहानियों के साथ जोड़ा गया, जिससे उपस्थित लोगों को केरल की पाककला विरासत का स्वाद महसूस करने का मौका मिला। दोनों दिनों का समापन करते हुए इस कार्यक्रम में  शाम को एक फैशन शो का आयोजन किया गया। इस फैशन शो में मुख्य फैशन निर्देशक लिज़ा वर्मा और सोनम दुबल और अन्य सेलिब्रिटी फैशन कलाकारों द्वारा क्यूरेट किया गया, जिसमें डैनियल सिम, श्रीजीत जीवन, तारा भुयान, शालिनी जेम्स, बांबी केविचुसा, जाह्नबी फूकन और अरात्रिक देव वर्मन शामिल थे। प्रत्येक डिजाइनर ने अपने अनूठे दृष्टिकोण को पेश करने के साथ-साथ  पारंपरिक कपड़ों को आधुनिक कट्स के साथ मिलाकर, पूर्वोत्तर और केरल के वस्त्रों की भव्यता को प्रदर्शित किया।
PunjabKesari
सरकारी और निजी दोनों क्षेत्रों द्वारा समर्थित इस महोत्सव को इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र (IGNCA) और कपड़ा मंत्रालय के हथकरघा विभाग, केरल सरकार के संस्कृति मंत्रालय, केरल पर्यटन और नागालैंड और मेघालय के पर्यटन विभागों जैसे संस्थानों से उल्लेखनीय समर्थन मिला है। उनका सामूहिक समर्थन भारत के पारंपरिक कारीगरों, बुनकरों और कलाकारों की ओर ध्यान आकर्षित करने के लिए अनंत समागम की क्षमता को रेखांकित करता है, जिनके शिल्प और प्रतिभाएं देश की सांस्कृतिक पहचान में योगदान करती हैं। अनंत समागम सांस्कृतिक प्रदर्शन, संगीत समारोह और चर्चाओं का एक बेहतरीन उदाहरण पेश किया। अनंत समागम में उपस्थित लोगों को भारत की सांस्कृतिक कथा से जुड़ने का अवसर मिला।

Related Story

    Trending Topics

    Afghanistan

    134/10

    20.0

    India

    181/8

    20.0

    India win by 47 runs

    RR 6.70
    img title
    img title

    Be on the top of everything happening around the world.

    Try Premium Service.

    Subscribe Now!