Edited By Anil Kapoor,Updated: 27 Dec, 2018 10:17 AM
देवबंद स्थित इस्लामिक शिक्षण संस्थान दारूल उलूम ने महिलाओं को लेकर नया फतवा जारी करते हुए बारात में उनके जाने को नाजायज करार दिया है। इससे पहले दारूल उलूम देवबंद ने विवाह समारोह में महिलाओं और पुरुषों के एक साथ खाना खाने को नाजायज बताया था।
सहारनपुर: देवबंद स्थित इस्लामिक शिक्षण संस्थान दारूल उलूम ने महिलाओं को लेकर नया फतवा जारी करते हुए बारात में उनके जाने को नाजायज करार दिया है। इससे पहले दारूल उलूम देवबंद ने विवाह समारोह में महिलाओं और पुरुषों के एक साथ खाना खाने को नाजायज बताया था।
देवबंद के ग्राम फुलासी निवासी नजम गौड़ ने दारूल उलूम देवबंद के इफ्ता विभाग से सवाल किया था कि आमतौर पर घर से निकाह के लिए जब दूल्हा बारात लेकर निकलता है तो बारात में नाच-गाने के साथ ही परिवारों और रिश्तेदारों के साथ-साथ जान-पहचान की महिलाएं भी शामिल होती हैं। क्या इस तरह की बारात ले जाने की शरीयत इजाजत देता है। इसके जवाब में दारूल उलूम ने जारी फतवे में कहा कि ढोल-बाजे तथा महिलाओं व पुरुषों का एक साथ बारात में जाना शरीयत इस्लाम में नाजायज है, इससे बचना चाहिए। फतवे में यह भी कहा गया है कि यदि दुल्हन को रुखसत करवाने के लिए जाना हो तो दूल्हे के साथ घर के 2 या 3 लोगों का जाना ही काफी है।