अखिलेश को बड़ा झटका, सपा की टिकट पर चुनाव लड़ेगा बाहुबली मुख्तार अंसारी!

Edited By ,Updated: 08 Oct, 2016 07:00 PM

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स्वच्छ छवि के लिए जाने जाने वाले मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को एक और बड़ा झटका लगा है। माफिया मुख्तार अंसारी अब सपा के टिकट पर आगामी विधानसभा का चुनाव लड़ेंगे।

लखनऊ(अजय कुमार): स्वच्छ छवि के लिए जाने जाने वाले मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को एक और बड़ा झटका लगा है। माफिया मुख्तार अंसारी अब सपा के टिकट पर आगामी विधानसभा का चुनाव लड़ेंगे। शनिवार को एक न्यूच चैनल से बातचीत में कौमी एकता दल के अध्यक्ष अफजाल अंसारी ने कहा कि, कौमी एकता दल के समाजवादी पार्टी में विलय का औपचारिक ऐलान हो चुका है।

अफजाल अंसारी ने कहा कि, अगले साल होने वाले यूपी चुनाव में हम लोग समाजवादी पार्टी के सिपाही की हैसियत से चुनाव लड़ेंगे। तो वहीं जब अफजाल से पूछा गया कि क्या यूपी चुनाव में सीटों को लेकर समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव से आपकी कोई बातचीत हुई है? इसपर उन्होंने कहा कि सीटों को लेकर या तालमेल की कोई बात नहीं है, नेताजी जमीनी नेता हैं, वो जहां सीट देंगे हम लड़ लेंगे। 

अखिलेश को बड़ा झटका 
बता दें कि इससे पहले भी कौमी एकता दल का सपा में विलय हुआ था। कौमी एकता दल के नेता मुख्तार अंसारी की आपराधिक छवि के कारण अखिलेश ने पार्टी के विलय को रद्द कर दिया। ये बात चाचा शिवपाल को नागवार गुजरी क्योंकि उन्हीं के कहने पर कौएद का सपा में विलय हुआ था। जहां विलय बरकरार रखना शिवपाल के लिए प्रतिष्ठा का विषय बन चुका था वहीं ये फैसला मुख्यमंत्री अखिलेश की साफ छवि को धूमिल कर रहा था। दोनों नेता अपने अपने फैसले को लेकर अडिग थे। इतना ही नहीं इस फैसले की वजह से चाचा-भतीजे में कलह साफ दिखाई देने लगी। अंतत: मामला सपा हाईकमान मुलायम सिंह (नेताजी) के पास पहुंचा। नेताजी ने दोबारा विलय को हरी झंडी दे दी। इस फैसले से जहां शिवपाल यादव की प्रतिष्ठा बरकरार रहीं वहीं अखिलेश यादव एक बार फिर बेबस नजर आए और उन्हें एक तगड़ा झटका लगा। 

कौएद-सपा के विलय का नहीं हुआ औपचारिक ऐलान
समाजवादी पार्टी की तरफ से अभी इस विलय को लेकर कोई औपचारिक ऐलान नहीं हुआ है, कौमी एकता दल के अध्यक्ष अफजाल अंसारी ने आज ये बातें शिवपाल सिंह से मुलाकात के बाद कहीं। हालांकि इससे चुछ दिन पहले शिवपाल यादव ने कौएद-सपा के विलय की घोषणा कर दी थी। उन्होंने कहा था कि नेताजी ने कौएद का सपा में विलय पहले ही कर दिया है। 


पूर्वाचल की राजनीति में भूचाल
समाजवादी पार्टी (एसपी) प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव द्वारा कौमी एकता दल के विलय का ऐलान किए जाने के बाद पूरे पूर्वांचल की राजनीति में भूचाल आ गया है। जहां एक तरफ अंसारी बंधुओं के समर्थकों के खेमे में खुशी देखी गई वहीं विरोधी खेमे में गम का माहौल दिखाई दे रहा है। सबसे ज्यादा उत्साहित गाजीपुर, बलिया, मऊ, चंदौली, जौनपुर, आजमगढ़, बनारस आदि के विधायक और मंत्री दिखाई दे रहे हैं। विधायकों का मानना है कि जो एसपी के अंर्तकलह व पारिवारिक झगड़े में नुकसान हो गया था, अब डैमेज कंट्रोल हो गया है. कौमी एकता दल व एसपी के एक साथ आ जाने पर पूर्वांचल के हर विधानसभा में लगभग 15 से 20 हजार वोट का इजाफा हुआ है, जो विधानसभा 2017 के चुनाव में नैया पार लगाने के लिए काफी है। वहीं मुहम्मदाबाद विधानसभा के एसपी प्रत्याशी राजेश कुशवाहा तथा अंसारी बंधुओं का विरोध करके राजनीति के सफर में आगे निकलने वाले अन्य दिग्गज नेताओं के खेमे में भी गम का माहौल है। 

पूर्व सांसद राधे मोहन सिंह के खेमे में भी उदासी
साल 2014 के लोकसभा चुनाव में शिवकन्या कुशवाहा के हार के बाद पुन: एक बार फिर एसपी के टिकट पर चुनाव लडऩे के लिए अपने को तैयार कर रहे एसपी के पूर्व सांसद राधे मोहन सिंह के खेमे में भी उदासी छाई हुई है, क्योंकि एसपी में आने के बाद पूर्व सांसद अफजाल अंसारी लोकसभा 2019 के लिए एसपी से अपनी प्रबल दावेदारी पेश करेंगे। उन्हें अल्पसंख्यक होने का भी लाभ मिलेगा। 
 

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