राहुल के समक्ष अपना गढ़ अमेठी बचाने की चुनौती

Edited By ,Updated: 25 Feb, 2017 02:59 PM

to defend their stronghold amethi against rahul

कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के सामने अपने संसदीय क्षेत्र अमेठी की विधानसभा सीटों को जीतने की कठिन चुनौती है। वर्ष 2012 में कांग्रेस ने अमेठी संसदीय क्षेत्र की पांच विधानसभा क्षेत्रों में से दो तिलोई और जगदीशपुर में जीत हासिल की थी। अमेठी में...

अमेठी: कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के सामने अपने संसदीय क्षेत्र अमेठी की विधानसभा सीटों को जीतने की कठिन चुनौती है। वर्ष 2012 में कांग्रेस ने अमेठी संसदीय क्षेत्र की पांच विधानसभा क्षेत्रों में से दो तिलोई और जगदीशपुर में जीत हासिल की थी। अमेठी में पांचवे चरण में 27 फरवरी को मतदान होगा। 

समाजवादी पार्टी (सपा) से गठबंधन की वजह से कांग्रेस अपने गढ़ में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को कड़ी टक्कर दे रही है। इस क्षेत्र में कांग्रेस की स्टार प्रचारक प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी रैलियां की हैं लेकिन गढ़ होने के बावजूद यहां कांग्रेस की डगर आसान नहीं है।

तिलोई से डॉ. मुस्लिम 2002 और 2007 में कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीते थे लेकिन बाद में उन्होंने पाला बदल लिया और बसपा में शामिल हो गये। इस बार कांग्रेस ने विनोद मिश्रा को तिलोई से चुनाव लड़ाया है। उन्हें भाजपा के मयंकेश्वर शरण सिंह से करारी टक्कर मिल रही है। स्थानीय लोगों की माने तो कहीं-कहीं मयंकेश्वर सिंह, विनोद मिश्रा पर भारी ही दिख रहे हैं। 

जगदीशपुर (सु) में कांग्रेस विधायक राधेश्याम फिर चुनाव मैदान में हैं। वह अपनी जीत को लेकर आश्वस्त हैं। बसपा ने इस सीट पर जग दत्त को खड़ा किया है जबकि भाजपा उम्मीदवार के रुप में सुरेश कुमार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। 

अमेठी संसदीय क्षेत्र की गौरीगंज सीट से कांग्रेस के मोहम्मद नईम एक बार फिर चुनाव मैदान में हैं। उन्हें सपा के राकेश प्रताप सिंह से कड़ी चुनौती मिल रही है। राकेश सिंह इस सीट से विधायक भी हैं। गौरीगंज में गठबंधन के दोनों दल चुनाव लड़ रहे हैं। बसपा के विजय तिवारी मजबूती से पैर जमाये हुए हैं। वह कांग्रेस और सपा उम्मीदवारों के लिए खतरा बन सकते हैं। 

कांग्रेस के नईम 2002 और 2007 में मामूली वोटों क्रमश: 600 और 400 से चुनाव हारे थे। अमेठी संसदीय क्षेत्र की अमेठी विधानसभा सीट पर सबसे दिलचस्प मुकाबला हो रहा है। वहां से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता संजय सिंह की दोनों पत्नियां गरिमा सिंह और अमिता सिंह चुनाव मैदान में हैं। सपा से बहुचर्चित गायत्री प्रसाद प्रजापति भी चुनाव लड़ रहे हैं। संजय सिंह का कहना है कि उन्होंने गरिमा सिंह को तलाक दे दिया है लेकिन श्रीमती सिंह ने अपने शपथपत्र में संजय सिंह को ही अपना पति बताया है। 

श्रीमती गरिमा सिंह भाजपा से चुनाव मैदान में हैं जबकि अमिता सिंह कांग्रेस प्रत्याशी हैं। दोनों ही अपने को अमेठी की महारानी बता रही हैं। अब देखना है कि अमेठी की जनता किसको चुनकर अपनी महारानी साबित करती है। उधर, परिवहन मंत्री प्रजापति भी जीत के लिए पूरी ताकत झोंके हुए हैं। इस सीट पर भी गठबंधन का कोई मतलब नहीं रह गया। इस बीच, विधान परिषद सदस्य और अमेठी के रहने वाले दीपक सिंह का दावा है कि अमेठी में कांग्रेस-सपा गठबंधन की जीत होगी, लेकिन वह यह बताने से बचते रहे कि गठबंधन का उम्मीदवार कौन है। कांग्रेस की अमिता सिंह और सपा से गायत्री प्रसाद प्रजापति चुनाव लड़ रहे हैं। 

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