उन्नाव गैंगरेप पीड़िता के परिवार ने लगाई 35 बार गुहार, सोती रही योगी सरकार!

Edited By Ajay kumar,Updated: 01 Aug, 2019 09:56 AM

the family of unnao gangrepe victim put it 35 times sleeping yogi sarkar

बीते दिनों कार और ट्रक की भिडं़त में उन्नाव गैंगरेप पीड़िता और उसके वकील गंभीर रूप से घायल हो गए जबकि 2 लोगों (चाची और मौसी) की मौत हो गई।

लखनऊ: बीते दिनों कार और ट्रक की भिड़ंत में उन्नाव गैंगरेप पीड़िता और उसके वकील गंभीर रूप से घायल हो गए जबकि 2 लोगों (चाची और मौसी) की मौत हो गई। पीड़िता और वकील इस समय राजधानी लखनऊ के ट्रामा सेंटर में जिंदगी और मौत से जूझ रहे हैं। वहीं अब इस मामले में पुलिस की बड़ी लापरवाही देखने को मिली है। 

पीड़िता के परिवार ने दावा किया है कि पिछले एक साल से स्थानीय पुलिस को लेटर लिखकर जान के खतरा की शिकायत की जा रही थी। दावा है कि इस दौरान पीड़िता के परिवार ने इस दौरान 35 बार पुलिस को शिकायत पत्र लिखा। लेटर में बताया गया कि, उनके परिवार को विधायक कुलदीप सिंह सेंगर से जान का खतरा है। लेकिन पुलिस इन पत्रों को बेबुनियाद बताकर खारिज करती रही। अब चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया ने खुद मामले का संज्ञान लेते हुए उस लेटर को पेश करने के लिए कहा है जो सीजेआई के नाम पर पीड़ित परिवार ने भेजा था। सीजेआई ने फटकार भी लगाई गई है कि लेटर को उन तक पहुंचने में देरी क्यों हुई?
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डर के साए में गांव में रह रहा पीड़िता का परिवार?
सरकार की तरफ से सुरक्षा मुहैया कराने के बाद भी पीड़ित परिवार माखी गांव में नहीं रहता था। मजबूरन पूरा परिवार दिल्ली में रहता था। पीड़ित परिवार को विधायक और उसके गुर्गों से जान का खतरा बना हुआ था। पीड़िता के पिता की मौत के बाद सीबीआई ने मामले की जांच शुरू की तो पीड़ित परिवार को थोड़ी राहत हुई। उन्हें लगा कि वो बिना डर भय गांव में रह सकते हैं। लेकिन ऐसा नही था ये सिर्फ पीड़ित परिवार का खुद को ढांढस था।

कुलदीप सेंगर के गुर्गे कहीं न कहीं मौका मिलते ही परिवार को डराने से बाज नहीं आ रहे थे। विधायक के दबंगई और प्रभाव का अंदाजा इस बात से भी लगा सकते है कि पीड़ित परिवार के घर पर 24 घंटे सुरक्षाकर्मियों की तैनाती है बावजूद इसके धमकियों में कमी नही आई और मजबूर होकर पीड़ित परिवार ज्यादातर दिल्ली में ही रहने लगा।
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पीड़िता की शिकायतों को पुलिस ने किया नजरअंदाज
पीड़ित परिवार पुलिस से शिकायत करती रह गई कि विधायक भले ही जेल में हैं लेकिन उसके लोग परिवार के पीछे लगे रहते हैं। जो खतरा पहुंचा सकते हैं लेकिन पुलिस इन शिकायतों को बेबुनियाद कहकर नजरअंदाज करती रही। 

SP ने जांच मुनासिब नहीं समझा
उन्नाव एसपी वर्मा ने परिवार की इन शिकायतों को सिरे से नकार दिया और कोई भी जांच कराना मुनासिब नहीं समझा। वो भी तब जब इस ये मामला बेहद संगीन है और सीबीआई भी जांच में है। ऐसे में सवाल तो उठेगा ही कि अगर समय रहते एसपी एमपी वर्मा इन शिकायतों का संज्ञान लेते तो शायद आज ये हालात नहीं बनते और खत्म होने की कगार पर खड़ा ये परिवार सुरक्षित होता।
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शिकायत पत्रों की जांच कराई जाएगी-ADG
वहीं अब मामले को लेकर एडीजी का कहना है कि परिवार की तरफ से दिए गए शिकायत पत्रों की जांच कराई जाएगी। पीड़िता की तरफ से एक साल के अंदर मिलने वाली सभी शिकायतों की जांच कराई जाएगी और जो भी इसमें दोषी पाए जाएंगे उनपर सख्त कार्रवाई की जाएगी. मामले को लेकर पीड़िता ने न सिर्फ पुलिस प्रशासन को लेटर लिखे थे बल्कि 12 जुलाई को एक लेटर सीजेआई को भी लिखा था जिसमें 7-8 जुलाई को भी धमकी का जिक्र किया गया है।

MLA के गुर्गे बयान न बदलने पर गंभीर परिणाम भुगतने की दे रहे थे धमकी
चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया को लिखे इस लेटर में पीड़िता के परिवार ने लिखा है कि, आरोपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर से जुड़े कुछ लोग उनके घर पर आए और कोर्ट में बयान न बदलने पर गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी। ये सब उस समय हो रहा था जब सुरक्षा में 10 पुलिसकर्मी तैनात थे। सुरक्षाकर्मियों के तैनात होने के बाद भी अनजान लोग आकर परिवार को डरा-धमका रहे थे। 

सिर्फ लेटर में ही नहीं आईजीआरएस पोर्टल पर भी की थी शिकायत
पीड़ित परिवार का कहना है कि, उन्होंने सिर्फ लेटर लिखकर ही मामले की जानकारी पुलिस को नहीं दी बल्कि आईजीआरएस पोर्टल पर भी शिकायत दर्ज कराई थी। इसके अलावा आरोपी विधायक के गुर्गों ने जब घर आकर धमकी दी थी तो उसका वीडियो भी बनाया था। जिसे लेटर के साथ भेजा और माखी थाना प्रभारी को दिखाया, फिर भी शिकायत दर्ज नहीं की।

आखिर वही हुआ जिसका डर था
28 जुलाई को पीड़िता अपनी चाची और मौसी के साथ रायबरेली जेल में बंद अपने चाचा से मिलकर वापस उन्नाव माखी गांव जा रही थी। तभी उनकी कार को गुरुबख्शगंज थाना इलाके में रॉन्ग साइड से आ रहे एक ट्रक ने टक्कर मार दी। टक्कर इतनी जोर की थी कि, मौसी और चाची की मौके पर ही मौत हो गई जबकि पीड़िता और उसका वकील जो गाड़ी ड्राइव कर रहा था गंभीर रूप से घायल हो गए। दोनों को लखनऊ के ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया गया जहां अब भी दोनों की हालत नाजुक बनी हुई है। 

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