Edited By ,Updated: 14 Nov, 2016 08:09 PM
बच्चों की छोटी-छोटी बचत बाहर आ गई। 500 और 1000 के नोट तलाश करते बच्चों की गुल्लक मम्मी-पापा के हाथ लग गई। फि र क्या, किसी ने गुल्लक जमीन पर दे मारी, तो किसी ने प्लास्टिक की गुल्लक आरी से काटी।
सहारनपुर(चन्द्र प्रकाश): बच्चों की छोटी-छोटी बचत बाहर आ गई। 500 और 1000 के नोट तलाश करते बच्चों की गुल्लक मम्मी-पापा के हाथ लग गई। फि र क्या, किसी ने गुल्लक जमीन पर दे मारी, तो किसी ने प्लास्टिक की गुल्लक आरी से काटी। कुछ बच्चों ने विरोध किया तो आश्वासन भी दिया जा रहा है कि इन पैसों के बदले उन्हें नई गुल्लक दिलाकर नए-नए नोटों से भर दिया जाएगा।
सेंट मैरी की छात्रा शुभि की मम्मी राधा ने बताया कि उन्हें अपनी बेटी के जोड़े हुए पैसे उसके पर्स में मिल गए थे। करीब 10-10 के 15 नोट थे। उन्होंने सुबह इन्हीं पैसों से सब्जी खरीदी। ये पैसे नवमी पर कन्या पूजन के दौरान शुभि को मिले थे। शारदानगर निवासी मालती शर्मा ने बताया कि उन्होंने अपने 3 साल के बेटे की गुल्लक तोड़ दी। उसमें छोटे नोटों के अलावा 500 का नोट भी था। उन्हें डर था कि यह नोट अगर नहीं निकाला, तो 500 रुपए बर्बाद हो जाएंगे। प्रद्युमननगर निवासी पूनम रावत ने बताया कि उन्होंने भी अपने बच्चों की गुल्लक सिर्फ इसलिए तोड़ी क्योंकि उसमें 500 का नोट था। कुछ बच्चों को ङ्क्षचता थी कि उनकी बचत के बड़े नोटों का क्या होगा।
बच्चे भी कर रहे अटपटे सवाल
1000-500 के नोट बंद होने की खबर बच्चों के कानों तक भी पहुंच चुकी है। वे मम्मी-पापा से पूछ रहे हैं, मम्मी कोई भी नोट नहीं चलेगा क्या। नोट बंद क्यों कर दिए, मम्मी मार्कीट से कुछ नहीं ला सकते क्या। जीवनी मंडी निवासी मनीषा शर्मा ने बताया कि उनका 5 साल का बेटा उनसे कह रहा था कि मेरी गुल्लक के पैसे भी बैंक से बदल देना, नहीं तो ये बेकार हो जाएंगे। फि र पूछने लगा कि मोदी जी क्या सारे नोट बंद कर देंगे, क्या सारे नोट पुराने हो गए हैं।
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