Edited By Deepika Rajput,Updated: 19 Aug, 2019 11:00 AM
उत्तराखंड में लगातार हो रही भारी बारिश के कारण कई जगह बादल फटने और भूस्खलन होने से तबाही मची हुई है। उत्तरकाशी के मोरी ब्लॉक में बादल फटने से यमुना की सहायक नदियों में आई बाढ़ ने जमकर कहर मचाया। जिससे आराकोट, माकुडी, मोल्डा, सनेल, टिकोची और द्विचाणु...
देहरादूनः उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के आराकोट तथा आसपास के क्षेत्र में रविवार को बादल फटने और भूस्खलन की घटनाओं में मरने वालों की संख्या 17 हो गई है जबकि अन्य अभी लापता हैं। राहत और बचाव कार्य सोमवार सुबह शुरू हो गया। लगातार हुई भारी बारिश के बाद बादल फटने के मची तबाही का जायजा लेने पहुंचे प्रदेश के आपदा प्रबंधन सचिव अमित नेगी ने फोन पर बताया कि अभी तक प्रभावित क्षेत्र से आठ शव बरामद हो चुके हैं, अभी तक सात व्यक्ति लापता हैं।
नेगी ने कहा,‘‘हमारा पूरा ध्यान अभी बचाव और राहत पहुंचाने पर है और बाद में ही हम इस बात का आंकलन कर पाएंगे कि इन घटनाओं में कितना नुकसान हुआ।'' इस बीच मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के निर्देश पर आपदा प्रबंधन सचिव और राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) के महानिरीक्षक संजय गुंज्याल सुबह बचाव और राहत कार्यों की निगरानी के लिए हेलीकॉप्टर से आराकोट पहुंच गए।
इससे पहले उत्तरकाशी के जिलाधिकारी आशीष चौहान ने बताया था कि मौके पर पहुंचने के लिए हेलीकॉप्टरों की सेवाएं लेने का प्रयास किया गया किंतु खराब मौसम के कारण यह संभव नहीं हो पाया। राहत कार्यों के लिए शिमला एवं देहरादून के जिलाधिकारियों से सहयोग मांगा गया। लगातार बारिश तथा मौसम के पूर्वानुमान को देखते हुए जिलाधिकारी चौहान ने कक्षा एक से 12 तक के सरकारी, गैर सरकारी विद्यालयों एवं आंगनबाड़ी केन्द्रों में 19 अगस्त को अवकाश घोषित कर दिया।