Edited By Anil Kapoor,Updated: 12 Apr, 2025 10:44 AM

UP Desk: रंग-बिरंगे खाने बच्चों को बहुत लुभाते हैं। मार्केट में मिलने वाले चमकीले स्नैक्स, कैंडीज़, जेली और ड्रिंक्स बच्चों को नज़र आते ही पसंद आ जाते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इन रंगों के पीछे छिपे होते हैं कृत्रिम (Artificial) फूड कलर, जो...
UP Desk: रंग-बिरंगे खाने बच्चों को बहुत लुभाते हैं। मार्केट में मिलने वाले चमकीले स्नैक्स, कैंडीज़, जेली और ड्रिंक्स बच्चों को नज़र आते ही पसंद आ जाते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इन रंगों के पीछे छिपे होते हैं कृत्रिम (Artificial) फूड कलर, जो बच्चों के स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा बन सकते हैं?
क्या हैं ये आर्टिफिशियल फूड कलर?
आर्टिफिशियल फूड कलर ऐसे रासायनिक पदार्थ होते हैं जो खाने को आकर्षक बनाने के लिए मिलाए जाते हैं। ये रंग खाने का स्वाद नहीं बढ़ाते, लेकिन इसे विजुअली रंगीन बनाते हैं। अक्सर ये रंग निम्नलिखित कोड्स या नामों से पैकेजिंग पर लिखे होते हैं:
Red 40 (Allura Red AC)
Yellow 5 (Tartrazine)
Yellow 6 (Sunset Yellow)
Blue 1 (Brilliant Blue)
बच्चों के लिए कितने खतरनाक हैं ये रंग?
बच्चों का शरीर छोटे और संवेदनशील होते हैं। उनका दिमाग और हार्मोनल सिस्टम विकास के दौर में होता है, इसलिए ये रासायनिक रंग उनकी सेहत पर गहरा असर डाल सकते हैं।
इन रंगों से हो सकती हैं ये समस्याएं:
- ध्यान की कमी (ADHD), चिड़चिड़ापन, गुस्सा
- त्वचा पर एलर्जी, रैशेस, सूजन
- पेट दर्द, माइग्रेन और डायरिया
- नींद की दिक्कत और व्यवहार में बदलाव
रंगों का बच्चों के व्यवहार पर असर
क्या आपके बच्चे में अचानक गुस्सा, चिड़चिड़ापन या ध्यान की कमी नज़र आने लगी है? तो इसकी वजह सिर्फ उसकी आदतें नहीं, बल्कि उसकी थाली में छिपे रंग भी हो सकते हैं। विशेष रूप से Red 40 (Allura Red) और Yellow 5 (Tartrazine) जैसे फूड कलर को बच्चों में हाइपरएक्टिविटी, अटेंशन डिसऑर्डर (ADD) और मूड स्विंग्स जैसी समस्याओं से जोड़ा गया है। कुछ रिसर्च बताती हैं कि ये रंग बच्चों के ब्रेन फंक्शन और बिहेवियर को सीधे प्रभावित कर सकते हैं। यह बदलाव धीरे-धीरे होते हैं और पेरेंट्स अक्सर इसे नखरे या टेम्परामेंट समझ कर टाल देते हैं।
क्या करें? कैसे बचाएं बच्चों को?
लेबल ज़रूर पढ़ें
खरीदते समय हर पैक्ड फूड का लेबल ध्यान से पढ़ें। अगर उसमें E Numbers (जैसे E102, E110, E129) या फूड कलर लिखा हो, तो उसे अवॉइड करें।
घर का बना ताज़ा खाना दें
फल, सब्ज़ी, दाल, दूध और होममेड स्नैक्स बच्चों के लिए सबसे सेफ और हेल्दी होते हैं।
प्राकृतिक रंगों से बनाएं खाना कलरफुल
रंग नेचुरल स्रोत
लाल चुकंदर (Beetroot), अनार
पीला हल्दी, केसर
हरा पालक, धनिया
बैंगनी जामुन, ब्लूबेरी
इन प्राकृतिक रंगों से ना सिर्फ खाना सुंदर दिखेगा, बल्कि बच्चों को पौष्टिक तत्व भी मिलेंगे।
कब सतर्क हों?
- अगर बच्चा अक्सर गुस्सा करता है
- अगर बच्चा अक्सर सोने में दिक्कत होती है
- अगर बच्चा अक्सर बहुत ज्यादा एक्टिव या उल्टा शांत रहता है
- अगर बच्चा अक्सर पेट, सिर या त्वचा की शिकायत करता है
तो तुरंत डॉक्टर या बच्चों के डाइट एक्सपर्ट से संपर्क करें। यह आहार से जुड़ी समस्या हो सकती है।