Edited By ,Updated: 04 Dec, 2015 04:09 PM
उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा राज्य में ‘‘सस्ता बीज’’ की जगह ‘‘सच्चा बीज’’ की नीति का प्रदेश में क्रियान्वयन कराया जा रहा है। आधिकारिक सूृत्रों ने आज यहां बताया....
लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा राज्य में ‘‘सस्ता बीज’’ की जगह ‘‘सच्चा बीज’’ की नीति का प्रदेश में क्रियान्वयन कराया जा रहा है। आधिकारिक सूृत्रों ने आज यहां बताया कि इसकी वजह से सूबे में बाजार से बीज क्रय प्रक्रिया को प्रतिबन्धित किया गया है। सरकार द्वारा बीजोत्पादक क्षेत्र की उत्तर प्रदेश बीज विकास निगम तथा कृभको समेत शीर्षस्थ संस्थाओं से आगामी वर्ष 2016-17 तक नवीन प्रजातियों के बीजोत्पादन के लिए अनुबन्ध किया गया है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में मुख्य फसल धान एवं गेहूं की उन्नतशील प्रजातियों को प्रोत्साहन देने के साथ-साथ पहली बार दलहनी एवं तिलहनी फसलों की नवीन प्रजातियों को भी प्रोत्साहन दिया जा रहा है।
सूृत्रों ने बताया कि सरकार द्वारा फसलों की कम उत्पादकता वाली पुरानी प्रजातियों के स्थान पर नवीन प्रजातियों को प्रोत्साहित किया जा रहा है ताकि कृषकों को कम मूल्य पर अधिक उत्पादन मिल सके। उन्होंने बताया धान एवं गेहूं की नवीन प्रजातियों पर चार सौ रूपये प्रति कुंतल तथा चना-मटर-मसूर उड़द-मूंग एवं अरहर आदि दलहनी तथा तिल एवं मूंगफली आदि तिलहनी फसलों की नवीन प्रजातियों पर सरकार द्वारा आठ सौ रूपए प्रति कुंतल की दर से अनुदान दिया जा रहा है।