कौन असली- कौन नकली बौद्धों पर BJP और BSP में तकरार

Edited By ,Updated: 17 Oct, 2016 12:14 PM

mayawati keshav prasad maurya buddhist monk

उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले में धम्म चेतना यात्रा में भाजपा के मंच पर बौद्ध भिक्षुओं की मौजूदगी से तिलमिलाई बसपा ने इसे नकली धम्म चेतना यात्रा करार दिया है।

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले में धम्म चेतना यात्रा में भाजपा के मंच पर बौद्ध भिक्षुओं की मौजूदगी से तिलमिलाई बसपा ने इसे नकली धम्म चेतना यात्रा करार दिया है। बसपा का कहना है कि मंच पर जो बौद्ध भिक्षु मौजूद थे वे असली नहीं थे। इस धम्म चेतना यात्रा में कोई दलित भी मौजूद नहीं था। बसपा के दलित वोट बैंक में सेंध लगाने की भाजपा की कोशिश कितनी सफल होगी, ये कहना तो फिलहाल मुश्किल है।

क्या कहा बसपा सुप्रीमो मायावती ने?
धम्म चेतना यात्रा को लेकर बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा है कि भाजपा धर्म को राजनीतिक और चुनावी स्वार्थ के लिए इस्तेमाल कर रही है। मायावती ने कहा कि यह धम्म चेतना यात्रा प्रदेश विधानसभा चुनाव के मद्देनजर कुछ चुने हुए बौद्घ भिक्षुओं के जरिए निकलवाई गई है। इस यात्रा में आरएसएस के लोग भी शामिल थे।

माफी मांगे मायावती
बसपा सुप्रीमो मायावती के इस बयान को लेकर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि मायावती ने बौद्ध भिक्षुओं का अपमान किया है। मौर्य ने कहा कि मायावती को अपने इस बयान को लेकर माफी मांगनी चाहिए। अब यह बात बिल्कुल साफ है कि भाजपा और बसपा दलित-बौद्ध राजनीति पर आमने-सामने हैं।

अमित शाह ने किया धम्म यात्रा को संबोधित
174 दिन और उत्तर प्रदेश के दलित गांवों-कस्बों की करीब 27 हजार किमी की यात्रा कर ये धम्म चेतना यात्रा कानपुर पहुंची थी। जहां सैकड़ों की तादात में आए भिक्षुओं को अमित शाह ने संबोधित किया था। आपको बता दें कि  इस धम्म चेतना यात्रा को कई स्थानों पर विरोध का सामना भी करना पड़ा था।

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