Edited By Ajay kumar,Updated: 21 Mar, 2024 05:42 PM
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अपहरण के एक मामले में पूर्व बसपा सांसद अमरमणि त्रिपाठी की याचिका पर सुनवाई करते हुए बुधवार को फैसला सुरक्षित करते हुए कहा कि वर्तमान मामले में याची ने अपना आपराधिक इतिहास का उल्लेख नहीं किया है, जबकि उसका एक लंबा आपराधिक इतिहास...
प्रयागराजः इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अपहरण के एक मामले में पूर्व बसपा सांसद अमरमणि त्रिपाठी की याचिका पर सुनवाई करते हुए बुधवार को फैसला सुरक्षित करते हुए कहा कि वर्तमान मामले में याची ने अपना आपराधिक इतिहास का उल्लेख नहीं किया है, जबकि उसका एक लंबा आपराधिक इतिहास है। कोर्ट ने पूर्व में पारित अपने आदेश में ट्रायल कोर्ट को पूरी आर्डर शीट एक सील बंद लिफाफे में भेजने का निर्देश दिया था।
याची के खिलाफ 36 आपराधिक मुकदमों की सूची प्रस्तुत की गई
कोर्ट के आदेश के अनुपालन में ट्रायल कोर्ट द्वारा भेजी गई 17 दिसंबर 2022 से 29 फरवरी 2024 तक चलने वाले पूरे मामले की आर्डर शीट को कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत किया गया, साथ ही सरकारी अधिवक्ता ने प्रभारी निरीक्षक थाना कोतवाली बस्ती द्वारा याची के खिलाफ 36 आपराधिक मुकदमों की सूची प्रस्तुत की। यह मामला न्यायमूर्ति संजय कुमार सिंह की एकल पीठ के समक्ष चल रही है। न याचिका में स्पेशल कोर्ट के आदेश को चुनौती दी गई है। याची का कहना है कि वह मूल केस अपहरण मामले में जमानत पर है।
बस्ती की एमपी/ एमएलए कोर्ट ने अमरमणि त्रिपाठी को किया फरार घोषित
गौरतलब है कि बीते दिनों इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने अमरमणि त्रिपाठी की संपत्तियां कुर्क किए जाने के बस्ती जिला के सेशन कोर्ट के आदेश मामले में राहत नहीं दी। इलाहाबाद ने सुनवाई में बस्ती सेशन कोर्ट के आदेश पर किसी तरह की रोक नहीं लगाई है। गौरतलब है कि बस्ती की एमपी/ एमएलए कोर्ट ने अमरमणि त्रिपाठी को फरार घोषित कर पुलिस महानिदेशक और प्रमुख सचिव गृह से उनकी संपत्तियों को जल्द से जल्द कुर्क किए जाने का आदेश दिया है। बस्ती की सेशन कोर्ट ने संपत्तियों को कुर्क किए जाने के आदेश पर अमल नहीं किए जाने पर नाराजगी भी जताई है। बस्ती की स्पेशल कोर्ट के आदेश के खिलाफ ही अमरमणि त्रिपाठी ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की है। कोर्ट इस मामले पर 15 मार्च को अगली सुनवाई करेगी।