Edited By ,Updated: 27 Jul, 2016 03:58 PM
कौमी एकता दल ने उत्तर प्रदेश विधानसभा के आगामी चुनाव में अपनी संभावनाएं तलाश रहे जनता दल यूनाइटेड के अध्यक्ष एवं बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के छोटे दलों के प्रति...
लखनऊ: कौमी एकता दल ने उत्तर प्रदेश विधानसभा के आगामी चुनाव में अपनी संभावनाएं तलाश रहे जनता दल यूनाइटेड के अध्यक्ष एवं बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के छोटे दलों के प्रति बढ़ते रझान को उनकी ‘मजबूरी’ बताते हुए कहा कि इस सूबे के सियासी हालात बिहार से अलग हैं और राष्ट्रीय जनता दल ने भी यहां उनसे किनारा कर लिया है।
कौएद के अध्यक्ष अफजाल अंसारी ने बातचीत में कहा कि बिहार में राजद के साथ महागठबंधन के सहारे दोबारा सत्तानशीं हुए नीतीश हाल के महीनों में एकला चलो की तर्ज पर रैलियां कर सियासी फिजा का अंदाजा लगा चुके हैं। उन्हें पता लग चुका है कि उत्तर प्रदेश के हालात बिहार से जुदा हैं।
पूर्वी उत्तर प्रदेश में राजनीतिक प्रभाव रखने वाले कौएद के अध्यक्ष ने कहा कि नीतीश ने बीएस-4 की रैली में मुख्य अतिथि के तौर पर शिरकत कर सूबे में छोटे दलों के साथ गठबंधन की शुरुआत की है। यह उनकी मजबूरी भी है, क्योंकि उन्हें पता है कि बिहार में असर दिखाने वाला उनका ग्लैमर उत्तर प्रदेश में काम नहीं आ रहा है।
उन्होंने कहा कि बिहार में नीतीश के महागठबंधन के साझीदार राजद मुखिया लालू प्रसाद ने उत्तर प्रदेश में सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव के प्रति ‘समधी धर्म’ निभाते हुए आगामी विधानसभा चुनाव न लडऩे का फैसला कर नीतीश को ‘टका सा’ संदेश दे दिया है।
कौएद के जदयू के साथ गठबंधन की संभावना के बारे में पूछे जाने पर अंसारी ने कहा कि एेसा मुमकिन है, बशर्ते हितों का कोई टकराव न हो। हाल में सपा में विलय और फिर दूसरी तरफ से यह फैसला रद्द किए जाने से आहत अंसारी ने कहा कि सपा का जो रवैया है, उसके चलते अगले चुनाव में वह पूर्वांचल में अपनी पिछली कामयाबी अब कभी नहीं दोहरा सकेगी।