Edited By prachi,Updated: 21 Jul, 2018 12:50 PM
शनिवार को झारखंड विधानसभा के मानसून सत्र का आखिरी दिन है। सत्र के आखिरी दिन की शुरूआत भी हंगामेदार रही जिसके चलते सदन की कार्रवाई दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई है। विपक्ष का कहना है कि यह सत्र काला कानून के सत्र के रूप में जाना जाएगा। सत्र के...
रांचीः शनिवार को झारखंड विधानसभा के मानसून सत्र का आखिरी दिन है। सत्र के आखिरी दिन की शुरूआत भी हंगामेदार रही जिसके चलते सदन की कार्रवाई दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई है। विपक्ष का कहना है कि यह सत्र काला कानून के सत्र के रूप में जाना जाएगा।
सत्र के आखिरी दिन सत्ता पक्ष कुछ विधेयक पारित करवा सकती है। शुक्रवार को सदन में 100 मिनट के अंदर झारखंड जल, गैस एवं ड्रेनेज पाइप लाइन विधेयक-2018 सहित नौ विधेयक पारित कर दिया गया।
काला कानून के सत्र के रूप में याद किया जाएगा यह सत्र
प्रतिपक्ष के नेता हेमंत सोरेन का कहना है कि सरकार को एक नोटिफिकेशन निकाल देना चाहिए कि सत्र में राज्य के विकास से जुड़ा कोई भी मुद्दा ना उठाया जाए और ना ही विपक्ष द्वारा कोई सवाल किया जाए। विपक्ष का कहना है कि यह सत्र काला कानून के सत्र के रूप में जाना जाएगा। हेमंत सोरेन ने मंत्री सीपी सिंह द्वारा विपक्ष को देशद्रोही और अफजल गैंग कहने पर कड़े तेवर अपनाए। उन्होंने कहा कि इन आरोपों पर हम चुप बैठने वाले नहीं हैं।