दल-बदल मामला: झाविमो ने स्पीकर कोर्ट के फैसले को बताया अलोकतांत्रिक, हाईकोर्ट में देगा चुनौती

Edited By prachi,Updated: 22 Feb, 2019 03:20 PM

defection case jvm told speaker court decision undemocratic challenge in hc

झारखंड विकास मोर्चा (झाविमो) (Jharkhand Vikas Morcha (JVM)) के महासचिव बंधु तिर्की (General secretary Bandhu Tirkey) ने दलबदल मामले (Defection case) में स्पीकर कोर्ट (Speaker court) के फैसले को अलोकतांत्रिक बताते हुए हाईकोर्ट (High Court) में चुनौती...

रांची: झारखंड विकास मोर्चा (झाविमो) (Jharkhand Vikas Morcha (JVM)) के महासचिव बंधु तिर्की (General secretary Bandhu Tirkey) ने दलबदल मामले (Defection case) में स्पीकर कोर्ट (Speaker court) के फैसले को अलोकतांत्रिक बताते हुए हाईकोर्ट (High Court) में चुनौती देने की बात कही है। वहीं पार्टी के अधिवक्ता आरएन सहाय (Advocate RN Sahay) ने कहा कि स्पीकर कोर्ट को पार्टी के विलय कोे लेकर फैसला देने का अधिकार नहीं है। ऐसे में पार्टी विधायक प्रदीप यादव और प्रकाश राम (Pradeep Yadav and Prakash Ram) की सदस्यता को लेकर उठे सवाल अव्यवहारिक (Impractical) हैं।

अधिवक्ता ने संविधान (Constitution) की 10वीं अनुसूची के पारा 4 के सब पारा 1b का हवाला देते हुए कहा कि झाविमो को इस फैसले से कोई खतरा नहीं है। वहीं महासचिव बंधु तिर्की ने कहा कि स्पीकर को अब अपनी कुर्सी पर बैठने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है। स्पीकर कोर्ट ने 6 बागी विधायकों की सदस्यता बचाने के लिए लोकतंत्र की हत्या की है।

बंधु तिर्की ने बताया कि किसी भी दल का दूसरे दल में विलय निर्वाचन आयोग (Election Commission) की स्वीकृति पर दल के संविधान के अनुसार होता है। झाविमो के संविधान के मुताबिक पार्टी का विलय केन्द्रीय समिति (Central committee) के दो- तिहाई सदस्यों (Two-thirds of the members) की सहमति से हो सकता है। उन्होंने कहा कि झाविमो के विलय को लेकर कोई आवेदन निर्वाचन आयोग के पास नहीं है।

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