Edited By prachi,Updated: 16 Dec, 2018 11:10 AM
हाल ही में एनडीए से अलग हुए रालोसपा अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा के कारण बिहार की राजनीति गरमा गई है। कुशवाहा के महागठबंधन में शामिल होने की अटकलें लगाई जा रही हैं। कांग्रेस नेता अहमद पटेल ने शनिवार को रालोसपा प्रमुख उपेन्द्र कुशवाहा से उनके आवास पहुंचकर...
पटनाः हाल ही में एनडीए से अलग हुए रालोसपा अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा के कारण बिहार की राजनीति गरमा गई है। कुशवाहा के महागठबंधन में शामिल होने की अटकलें लगाई जा रही हैं। कांग्रेस नेता अहमद पटेल ने शनिवार को रालोसपा प्रमुख उपेन्द्र कुशवाहा से उनके आवास पहुंचकर मुलाकात की।
कुशवाहा ने हाल में भाजपा के साथ गठबंधन तोड़ते हुए केंद्रीय मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। इस मुलाकात को बिहार में विपक्ष के महागठबंधन को मजबूत बनाने के प्रयासों के तौर पर देखा जा रहा है। राष्ट्रीय लोक समता पार्टी प्रवक्ता फजल इमाम मलिक ने बताया कि कांग्रेस के साथ कुशवाहा की यह पहले दौर की बातचीत है और उनकी पार्टी को ‘सकारात्मक’ परिणामों की उम्मीद है। कांग्रेस नेता अहमद पटेल और अखिलेश प्रसाद सिंह दोनों उपेंद्र कुशवाहा से मिलने उनके आवास पहुंचे थे।
रालोसपा ने 2014 का लोकसभा चुनाव भाजपा के साथ गठबंधन करके लड़ा था और तीन सीटों पर विजय हासिल की थी। हालांकि, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ भाजपा के हाथ मिलाने के साथ ही दोनों दलों के बीच तनाव शुरू हो गया था और 2019 के लोकसभा चुनाव में कुशवाहा को दो सीटों पर चुनाव लड़ने का प्रस्ताव दिया गया था। कुशवाहा ने भाजपा के इस प्रस्ताव को ठुकराते हुए अधिक सीटों की मांग की थी।
वहीं कुशवाहा द्वारा एनडीए का साथ छोड़ने पर रालोसपा भी टूट की कगार पर पहुंच गई है। शनिवार को पार्टी के दो विधायक और एक एमएलसी ने एनडीए के साथ बने रहने का ऐलान कर दिया है। वहीं दोनों विधायक सुधांशु शेखर और ललन पासवान ने रालोसपा पर दावा भी ठोका है। इसके चलते कुशवाहा की मुश्किलें बढ़ती हुई नजर आ रही हैं।