वाराणसी की हस्तशिल्प विरासत बचायेगी 'गुरु शिष्य परंपरा': स्मृति ईरानी

Edited By ,Updated: 17 Oct, 2016 10:38 AM

narendra modi smriti irani handicraft

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में केंद्रीय वस्त्र मंत्री स्मृति ईरानी ने हस्तशिल्पियों के लिए 'गुरु शिष्य परंपरा' की सात नई परियोजनाओं...

वाराणसी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में केंद्रीय वस्त्र मंत्री स्मृति ईरानी ने हस्तशिल्पियों के लिए 'गुरु शिष्य परंपरा' की सात नई परियोजनाओं की शुरूआत एवं दस्तकार चौपाल का उद्घाटन करते इन परियोजनाओं के लिए 31 करोड़ रूपए प्रदान करने घोषणा की। उन्होंने कहा 'गुरु शिष्य परंपरा' से वाराणसी के पारंपरिक ज्ञान की अनमोल विरासत के संरक्षण एवं नई पीढ़ी के माध्यम से उसे आगे बढ़ाने में काफी मदद मिलेगी। इसके लिए केंद्र सरकार पर्याप्त आर्थिक मदद एवं समुचित सुविधाएं मुहैया कराएगी। 

90 हजार हस्तशिल्पियों की मदद करने का लक्ष्य
ईरानी ने कहा कि पहले चरण के तहत आज 21 हजार हस्तशिल्पियों को बैंकों के जरिये आसान शर्तों पर आर्थिक मदद, मुफ्त जीवन बीमा, पहचान पत्र आदि देने के कार्य की शुरूआत की गई है। अगले 2 वर्षों में वाराणसी के सभी 90 हजार हस्तशिल्पियों को इसी प्रकार की मदद करने का लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि हस्तशिल्पियों को वैश्विक स्तर पर खुद व्यापार करने में सक्षम बनाया जाएगा, ताकि उन्हें किसी बिचौलिए के शोषण का शिकार न होना पड़े और वे अपने सामानों का वास्तविक मूल्य प्राप्त कर सकें। सरकार की ओर से ऐसी कोशिश होगी के हस्तशिल्पी अपने छोटे समुह बनाकर बिना किसी बिचौलिए के विश्व स्तरीय व्यापार में भाग ले सकें। हस्तशिल्पियों को मार्किटिंग, टेक्नॉलोजी, ई-कामर्स एवं डिजिटल दुनियां के मुताबिक जरूरी प्रशिक्षण दिया जाएगा ताकि वे व्यापार करने में उन्हें किसी प्रकार की असुविधा न हो। 

7 हस्तशिल्पियों को किया गया सम्मानित
केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि वाराणसी के अलग-अलग सात हस्तशिल्पियों को 'गुरु' की पदवी से सम्मानित किया है। उनके नामों की घोषणा करते हुए उन्होंने कहा कि गोदावरी सिंह, काजीम रजा, पुंज बिहारी सिंह, शिवपुजन जायसवाल, राम आधार प्रजापति, सुरेश कुमार और महेश कुमार सुमन जैसे विभिन्न प्रकार के हस्तशिल्प कलामों के माहिल लोगों को केंद्र सरकार ने 'गुरु' की पदवी दी है। उन्होंने उम्मीद जाहिर की कि अब ये गुरू नई पीढ़ी के माध्यम से पारंपरिक ज्ञान की विरासत को आगे बढाने में अपना योगदान देंगे। ईरानी ने कहा कि सात परियोजनाओं में लकड़ी, जरी एवं जरदोजी, गुलाबी मीनाकारी एवं कृत्रिक ज्वैलरी, सोप स्टोन, टेरा कोटा एवं पॅटरी, बीड वर्क और हस्त ठप्पा की हैं। ये परियोजनाएं अगले साल 16 अप्रैल तक पूर्ण होंगी। हर क्षेत्र से 15 लोगों को हस्तशिल्प का प्रशिक्षण दिया जाएगा। सिद्ध हस्तशिल्पियों को 25 हजार रूपए प्रति माह मान्यदेय दिया जाएगा।

म्यूजियम बनाने की घोषणा की
वाराणसी की हस्तशिल्प धरोहरों के संरक्षण के लिए यहां एक म्यूजियम बनाने की घोषणा करते हुए उन्होंने कहा कि इससे आने वाली पीढ़ी अपने पारंपरिक ज्ञान के विरासत रुबरू हो सकेंगी। हस्त ठप्पा छपाई में इस्तेमाल लड़की के ठप्पे एवं हस्तशिल्पियों के उपयोग में आने वाली चीजों को म्यूजियम में प्रदर्शित किया जाएगा। इसके लिए केंद्र सरकार समुचित आर्थिक मदद देगी। चौका घाट के सांस्कृतिक संकुल परिसर में शुरू दस्तकार चौपाल आगामी 9 नवंबर तक वाराणसी के गाय घाट, रामनगर, सुंदरपुर, खेजवा, लल्लापुरा, चांदपुर, अमरा, दारानगर, पठानी टोला आदि इलाकों में लगाए जाएंगे।  समारोह में ईरानी सहित उपस्थित तमाम लोगों ने वाराणसी के राजघाट पर मची भगदड़ में मारे गए 'जय गुरू देव' अनुयायियों की आत्मा की शांति के लिए 2 मिनट का मौन रखा गया और घायलों के शीघ्र स्वस्थ्य होने की कामना की गई।

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