Edited By Punjab Kesari,Updated: 16 Nov, 2017 01:26 PM
उत्तराखंड में कुमाऊं के पहले नगर निगम हल्द्वानी की स्थिति अभी भी खस्ता है। नगर निगम करोड़ों के कर्ज में डूबा हुआ है। वहीं दूसरी तरफ आय के स्रोत नाममात्र हैं। इस कारण से नगर निगम आर्थिक तौर पर तंगी से गुजर रहा है। मुख्य नगर आयुक्त का मानना है कि...
नैनीताल(तारा जोशी): उत्तराखंड में कुमाऊं के पहले नगर निगम हल्द्वानी की स्थिति अभी भी खस्ता है। नगर निगम करोड़ों के कर्ज में डूबा हुआ है। वहीं दूसरी तरफ आय के स्रोत नाममात्र हैं। इस कारण से नगर निगम आर्थिक तौर पर तंगी से गुजर रहा है। मुख्य नगर आयुक्त का मानना है कि निगम के विकास में अभी थोड़ा ओर समय लगेगा।
वर्ष 2012 के विधानसभा चुनाव से पहले हल्द्वानी नगर पालिका को नगर निगम का दर्जा दिया गया। कर्मचारियों और शहरवासियों को लगा कि निगम बनते ही हालात पहले से कहीं बेहतर होंगे लेकिन निगम पर लगभग 28 करोड़ का कर्ज है, जबकि आय के नाम पर निगम के पास सालों पुरानी दुकानों का किराया और हाउस टैक्स ही है।
देनदारियों के मुकाबले आय के सीमित साधनों को देखते हुए नगर आयुक्त को लग रहा है कि निगम को पूरी तरह से स्वस्थ होने में समय लग सकता है। निगम की सीमा विस्तारीकरण के तहत 33 गांव शामिल किए गए हैं, इससे आमदनी बढ़ने की उम्मीद है।