झूठे साबित हो रहे सरकार के दावे, जर्जर भवन में जान जोखिम में डाल पढ़ने को मजबूर बच्चे

Edited By Punjab Kesari,Updated: 04 Mar, 2018 07:01 PM

उत्तराखंड में सरकार शिक्षा को बेहतर बनाने को लेकर लाख दावे कर रही है लेकिन हकीकत तो यह है कि पहाड़ों पर कई विद्यालय पढ़ने के लायक भी नहीं है। जान जोखिम में डाल कर विद्यार्थी पढ़ने को और शिक्षक पढ़ाने को मजबूर है।

उत्तरकाशी(आशीष मिश्रा): उत्तराखंड में सरकार शिक्षा को बेहतर बनाने को लेकर लाख दावे कर रही है लेकिन हकीकत तो यह है कि पहाड़ों पर कई विद्यालय पढ़ने के लायक भी नहीं है। जान जोखिम में डाल कर विद्यार्थी पढ़ने को और शिक्षक पढ़ाने को मजबूर है। ऐसा ही एक विद्यालय उत्तरकाशी मुख्यालय से मात्र 60 किलोमीटर दूर डुंडा ब्लॉक के जुणगा गांव में है। राजकीय इंटर कॉलेज जुणगा में 252 बच्चे पूरी तरह से खस्ताहाल पड़े इस भवन में पढ़ने को मजबूर है। 
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तेज हवाओं से भी बच्चों को करना पड़ता है सामना 
यह विद्यालय कहीं से भी विद्यालय नजर नहीं आता है लेकिन सरकार और सिस्टम की उदासीनता के चलते 252 बच्चे इस विद्यालय में जान जोखिम में डाल कर पढ़ने को मजबूर है। यह विद्यालय इतनी ऊंचाई पर है कि आए दिन तेज हवाओं से भी बच्चों को सामना करना पड़ता है। पिछले साल तेज हवा से विद्यालय का एक कमरा ध्वस्त हो गया था,जिसके बाद से स्कूल में पढ़ने वाले बच्चे तेज हवाओं से भी डरते है। 
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अधिकारी बड़ी घटना का कर रहे इंतजार 
हालात तब और खराब हो जाते है जब बारिश होती है। बारिश होते ही पानी के रिसाव के साथ छत टपकने लगती है फिर भी बच्चे खराब माहौल के डर में पढ़ने को मजबूर है। वहीं जहां स्कूल में पढ़ने में बच्चों को डर बना रहता है वंही दूसरी और शिक्षक भी डर के साए में पढ़ाने को मजबूर है, लेकिन इस समस्या के बारे में उच्च अधिकारियों को बताने के बाद भी अधिकारी किसी बड़ी घटना का इंतजार कर रहे है। वहीं ग्रामीण और जिला पंचायत सदस्य बताते है इस बारे वह सभी को अवगत करवा चुके है लेकिन किसी ने उनकी नहीं सुनी।
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