Highway के किनारे से शराब की दुकानें हटाने पर UP सरकार को 5,000 करोड़ का नुकसान

Edited By Punjab Kesari,Updated: 05 Jul, 2017 02:07 PM

up government gets loss of rs 5 000 crore  removal of liquor shops from highways

राष्ट्रीय और राजकीय राजमार्गों के आसपास तय दूरी के भीतर शराब की दुकानों पर प्रतिबंध लगाए जाने के....

लखनऊ: राष्ट्रीय और राजकीय राजमार्गों के आसपास तय दूरी के भीतर शराब की दुकानों पर प्रतिबंध लगाए जाने के उच्चतम न्यायालय के आदेश के अनुपालन के बाद उत्तर प्रदेश सरकार को करीब 5,000 करोड़ रुपए राजस्व का नुकसान हुआ है।  प्रदेश के आबकारी मंत्री जय प्रताप सिंह ने बताया कि राष्ट्रीय राजमार्गों तथा राजकीय राजमार्गों के किनारे शराब की सभी दुकाने बंद होने से वित्तीय वर्ष 2016-17 में राज्य सरकार को करीब 5,000 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है।

मंत्री ने बताया कि उच्चतम न्यायालय के आदेश से ये दुकानें बंद किए जाने के बाद 19 हजार करोड़ रपए के राजस्व वसूली लक्ष्य के सापेक्ष प्रदेश के आबकारी विभाग को 14,000 करोड़ रुपए ही प्राप्त हुए हैं। उन्होंने बताया कि उच्चतम न्यायालय के आदेश की वजह से राजमार्गों पर खुली 8,591 शराब की दुकानें प्रभावित हुई हैं 2,000 दुकानों को अभी हटाया जाना है जबकि 3,000 शराब विक्रेताओं ने अपने लाइसेंस वापस कर दिए हैं। उच्चतम न्यायालय ने पिछले साल एक आदेश पारित किया जिसमें पूरे देश में राष्ट्रीय और राजकीय राजमार्गों के 500 मीटर और 220 मीटर (संबंधित आदेश के अनुरूप) के दायरे में मौजूद शराब की दुकानें बंद करने का आदेश दिया गया।

न्यायालय ने गत 31 मार्च को अपने 15 दिसंबर 2016 के आदेश को दोहराते हुए एेसी दुकानों को एक अप्रैल तक बंद करने को कहा था। न्यायालय ने अपने आदेश में कहा था कि राष्ट्रीय तथा राजकीय राजमार्गों से 500 मीटर की दूरी तक कोई भी शराब की दुकान नहीं होनी चाहिए। हालांकि कम आबादी वाले नगरों, कस्बों तथा नगर निकायों के लिए यह दूरी 220 मीटर तय की गई। न्यायालय ने राज्य सरकारों को शराब बिक्री रोकने की उनकी संवैधानिक बाध्यता की याद दिलाते हुए उनसे कहा कि वे उन डेढ़ लाख लोगों के बारे में सोचें जो हर साल शराब पीकर गाड़ी चलाने की घटनाओं में मारे जाते हैं।

राष्ट्रीय अपराध अभिलेख ब्यूरो (एनसीआरबी) के ताजा आंकड़ों के मुताबिक सभी सड़क सड़क दुर्घटनाओं में शराब पीकर गाड़ी चलाने के कारण हुए हादसों की तादाद सबसे ज्यादा है।  एनसीआरबी के आंकड़े बताते हैं वर्ष 2015 में सड़क हादसों में मारे गए लोगों में से 42 प्रतिशत शराब पीकर गाड़ी चलाने की वजह से मारे गए। यह आंकड़ा अपने आप में बहुत ज्यादा है। आबकारी मंत्री जय प्रताप सिंह ने अपने विभाग द्वारा उठाए जा रहे कदमों के बारे में बताते हुए कहा कि वह शराब की दुकानों में कैशलेस प्रणाली लागू करने जा रहे हैं और सभी दुकानदारों से कहा गया है कि वह अपने यहां कैशलेस भुगतान के लिए मशीनें लगाएं।

सिंह ने हालांकि कहा कि यह काम ग्रामीण क्षेत्रों के लिए कुछ मुश्किल है लेकिन वहां स्थापित दुकानों से कहा गया है कि वह नकदी रहित भुगतान के अन्य विकल्प अपनाएं। नाबालिग लोगों को शराब की खरीद से बचाने रोकने के लिए दुकानों में कैशलेस प्रणाली लागू किए जाने संबंधी मीडिया रिपोर्ट के बारे में पूछे जाने पर मंत्री ने कहा कि नाबालिग को शराब न बेचे जाने के संबंध में पहले से ही कानून मौजूद है। मंत्री ने कहा प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार अप्रैल 2018 से अपनी नई आबकारी नीति लागू करेगी। सरकार शराब के कारोबार में सांठगांठ के जाल को तोड़ने की योजना बना रही है।

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