दलितों पर अत्याचार करने वालों को ‘जो जैसा करेगा वैसा भरेगा’ का संदेश दे सरकार: पुनिया

Edited By ,Updated: 21 Oct, 2016 05:27 PM

those atrocities on dalits who would like just fill thegovernment of the message punia

अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष पी.एल.पुनिया ने आज कहा कि दलितों और वंचितों पर अत्याचार करने वालों लोगों के खिलाफ सरकार को सख्ती बरतते हुए ‘जो जैसा करेगा वैसा भरेगा’ का संदेश देना चाहिए।

नई दिल्ली: अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष पी.एल.पुनिया ने आज कहा कि दलितों और वंचितों पर अत्याचार करने वालों लोगों के खिलाफ सरकार को सख्ती बरतते हुए ‘जो जैसा करेगा वैसा भरेगा’ का संदेश देना चाहिए। पुनिया ने यहां आयोग की अध्यक्षता के तौर पर कार्यकाल पूरा होने पर बुलाए गए एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि देश में अनुसूचित जाति के लोगों में अपने अधिकारों के प्रति जागरुकता आ रही है। सरकार को इसे समझना चाहिए और उचित तैयारी करनी चाहिए। 

उन्होंने कहा कि सरकार को दलितों के प्रति अपने रवैये में बदलाव लाने की जरुरत है। दलितों के खिलाफ बयानबाजी करने वाले नेताओं को पार्टी से निकाला जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि दलितों पर अत्याचार की घटनाएं होने पर सरकार को कोई प्रतिनिधि या सत्तारुढ़ भारतीय जनता पार्टी का कोई प्रतिनिधि घटनास्थल पर नहीं पहुंचता है और न ही प्रभावितों से मिलता है। सरकार का साफ रवैया है कि ऐसे मामलों को दबाया जाना चाहिए। इसलिए सत्तारुढ़ पार्टी का कोई सांसद या विधायक या कोई अन्य पदाधिकारी अपनी ओर से ऐसे मामले नहीं उठाता है। पुनिया को आयोग के अध्यक्ष के तौर पर संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन की पूर्ववर्ती सरकार ने 22 अक्टूबर 2013 को तीन वर्ष के लिए नियुक्त किया गया था। 

तीन साल के कार्यकाल का जिक्र करते हुए पुनिया ने कहा कि दलितों में जागरुकता आने के कारण उनके खिलाफ अत्याचारों की घटनाओं में इजाफा हुआ है। दलित अपने अधिकारों के लिए संघर्ष कर रहे हैं जिससे टकराव बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश, राजस्थान, आंध्रप्रदेश, बिहार और मध्यप्रदेश में दलितों के खिलाफ अत्याचारों में वृद्धि हुई है। निवर्तमान अध्यक्ष ने कहा कि पूरे कार्यकाल के दौरान आयोग को कुल 54 हजार 345 शिकायतें मिली थी जिनमें से 10 हजार 506 शिकायतें लंबित थी।

 उन्होंने कहा कि आयोग ने तेजी से काम किया और तीन वर्ष के दौरान 33 हजार 679 शिकायतों का निपटारा किया गया है। उन्होंने कहा कि तीन वर्ष में आयोग ने 125 घटनाओं पर मौके का दौरा किया और अत्याचारों से पीड़ति लोगों को 6.5 करोड़ रुपए जारी किए गए। आयोग की जांच के बाद 450 लोगों को गिरतार किया गया। आयोग के हस्तक्षेप के बाद 241 दलित लोगों की जमीनें वापस मिली है और पीड़तिों को 95.50 लाख रुपए का मुआवजा मिला है। 

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