उप सभापति ने मायावती से की इस्तीफा वापस लेने की अपील

Edited By Punjab Kesari,Updated: 19 Jul, 2017 07:19 PM

deputy chairman appealed to withdraw mayawati  s resignation

राज्यसभा के उप सभापति पी जे कुरियन ने कहा कि बहुजन समाज पार्टी....

नई दिल्ली\लखनऊ: राज्यसभा के उप सभापति पी जे कुरियन ने कहा कि बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की नेता मायावती द्वारा इस्तीफा दिए जाने से सदन में कोई भी खुश नहीं है और वह उनसे इस्तीफा वापस लेने की अपील करते हैं। बसपा के सतीश चन्द्र मिश्रा ने देश में अल्पसंख्यकों और दलितों की पीट-पीट कर हत्या के मुद्दे पर सदन में चल रही चर्चा में हिस्सा लेते हुए मायावती को इस मुद्दे पर न बोलने देने का मामला उठाया और कहा कि इसके चलते उन्होंने सदन की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया।

कुरियन ने कहा कि मायावती वरिष्ठ नेता हैं और वह उनका सम्मान करते हैं। उनके इस्तीफा देने से सदन में कोई भी खुश नहीं है और सदन का यह मानना है कि वह अपने निर्णय पर फिर से विचार करें और इस्तीफा वापस ले लें। विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने भी कहा कि बसपा नेता को अपना इस्तीफा वापस ले लेना चाहिए। हालांकि उप सभापति द्वारा सत्ता पक्ष की राय पूछे जाने पर संसदीय कार्य राज्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि यह बसपा का आंतरिक मामला है।

उप सभापति ने कहा कि ऐसा लगता है कि यह सब प्रकरण गलतफहमी के चलते हुए हुआ। स्थिति स्पष्ट करते हुए कुरियन ने कहा कि कल सदन में जब उन्होंने कुमारी मायावती को खड़े देखा तो उन्हें लगा कि बसपा नेता को बोलने का मौका दिया जाना चाहिए और चूंकि वह उनका सम्मान करते हैं इसलिए उन्होंने विपक्ष के नेता के बोलने के अनुरोध को दरकिनार करते हुए मायावती को तीन मिनट के लिए बोलने को कहा।

कुरियन ने कहा कि इसके बाद उन्हें विपक्ष के नेता को बोलने का मौका देना था जिसके बाद इस मुद्दे पर नियम 267 के तहत बहस शुरू होनी थी। उन्होंने कहा कि इसलिए यह कहना सही नहीं है कि नियम 267 के तहत बसपा नेता को केवल तीन मिनट बोलने का मौका दिया गया। इससे पहले मिश्रा ने कहा कि उन्होंने इस मुद्दे पर चर्चा के लिए अपनी नेता के नाम से नियम 267 के तहत नोटिस दिया था जिसमें यह भी लिखा था कि इस मुद्दे पर पार्टी की ओर से वही अपनी बात रखेंगी लेकिन उन्हें केवल दो मिनट 9 सेकेंड बोलने दिया गया जिससे क्षुब्ध होकर उन्होंने इस्तीफा दे दिया। उन्होंने कहा कि मायावती को यहां बोलने से रोक दिया गया लेकिन सरकार उन्हें देश भर में बोलने से नहीं रोक सकती।

मिश्रा ने कहा कि मीडिया में जोर-शोर से प्रचारित किया जा रहा है कि मायावती ने इस्तीफे का पत्र इस तरह से दिया है जिससे कि उसे स्वीकार नहीं किया जा सके। उन्होंने कहा वह सभी को बताना चाहते हैं कि मायावती राज्यसभा सचिवालय की प्रक्रिया के अनुसार ही इस्तीफा देंगी और वह उन नेताओं में से नहीं हैं जिनकी कथनी और करनी अलग-अलग होती है।

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