Edited By Punjab Kesari,Updated: 07 Dec, 2017 05:15 PM
यूपी के मुजफ्फरनगर में प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई की है। दरअसल दलित समाज के लोगों द्वारा सरकारी संपत्ति पर बना रखी 3 दर्जन से ज्यादा दुकानों पर नगर पंचायत ने अपना चाबुक चलाया है...
मुजफ्फरनगर: यूपी के मुजफ्फरनगर में प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई की है। दरअसल दलित समाज के लोगों द्वारा सरकारी संपत्ति पर बना रखी 3 दर्जन से ज्यादा दुकानों पर नगर पंचायत ने अपना चाबुक चलाया है। वहीं दलित समाज के लोगों द्वारा विरोध करने पर पुलिस प्रशासन और कर्मचारियों की काफी देर तक नोंक-झोक हुई और कई दुकानों में आगजनी भी की गई।
जानकारी के मुताबिक मामला तहसील बुढ़ाना के पीठ बाजार का है। जहां दलित समाज के लोगों ने कई वर्षों से सरकारी संपत्ति पर दर्जनों दुकानें बना रखी थी। जिसे नगर पंचायत ने नगर निकाय चुनाव होने से पहले जीत लिया था। चुनाव खत्म होने पर नगर पंचायत ने दुकानों को खाली करने के एक दिन पहले नोटिस चस्पा कर दिए थे, लेकिन जैसे ही नगर पंचायत कर्मचारी और पुलिस बल को साथ लेकर खाली कराने गई तो दुकानदारों ने नोटिस के बावजूद दुकानें नहीं हटाई। जिसके बाद नगर पंचायत ने दुकानों को बुलडोजर चलाकर खाली करवाया।
वहीं दलित समाज की पीड़ित महिला रीता का कहना है कि दुकानदारों को नगर पंचायत द्वारा नोटिस नहीं मिला है। उनका कहना है कि ये सब जितेंद्र त्यागी ने करवाया है। वार्ड नंबर 4 से निवर्तमान चेयरमैन जितेंद्र त्यागी चुनाव लड़ रहे थे। 1 दिसंबर को हुई मतगणना में वो हार गए और उनकी पत्नी बाला त्यागी जीत गई। अपनी हार का बदला लेने के लिए उन्होंने येे सब करवाया है।
वहीं इस मामले में ईओ नगर पंचायत ओमगिरी का कहना है कि एक महीने पहले ही इन लोगों को नोटिस द्वारा दुकानें हटाने को कहा गया था, लेकिन इन्होंने दुकानें नहीं हटाई। इसके बावजूद भी हमने एक दिन पहले नोटिस चस्पा किए थे, लेकिन इन्होंने दुकानें नहीं हटाई। जिस पर कार्रवाई करते हुए दुकानों को तुड़वाकर अवैध कब्जे को हटवाया गया है।