पूंजीपतियों का बढ़ता वर्चस्व लोकतंत्र के लिए गंभीर खतरा: मायावती

Edited By Punjab Kesari,Updated: 20 Aug, 2017 04:53 PM

increased domination of capitalists is a serious threat to democracy  mayawati

बसपा अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार की शह पर पूजींपतियों का....

लखनऊ: बसपा अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार की शह पर पूजींपतियों का बढ़ता वर्चस्व लोकतांत्रिक व्यवस्था पर गंभीर खतरा है। मायावती ने कहा कि आम धारणा है कि भाजपा बड़े पूंजीपतियों और धन्नासेठों के इशारे पर ही चलने वाली पार्टी है, वह शत-प्रतिशत सही है। हाल ही में प्रकाशित एसोसियेशन अॉफ डेमोक्रेटिक रिफार्म (एडीआर) के ताजा आंकड़ों ने भी यह पूरी तरह से सही साबित कर दिया है।

उन्होंने सवाल किया कि पूंजीपतियों का हित चाहने वाली भाजपा गरीब और किसान की हितैषी कैसे हो सकती है। बसपा अध्यक्ष ने कहा कि आकंड़े गवाही देते हैं कि भाजपा सरकारें एक के बाद एक जनविरोधी, किसान- विरोधी व धन्नासेठ-समर्थक फैसले क्यों लेती जा रही है।

मायावती ने कहा कि ए.डी.आर. के प्रकाशित आकड़ों के अनुसार भाजपा ने कुछ धन्नासेठों से वर्ष 2012-13 से वर्ष 2015-16 के बीच अपने हिसाब-किताब वाले कुल चंदे का 92 प्रतिशत अर्थात लगभग 708 करोड़ रुपया लिया है। इस प्रकार अन्य श्रोतों से कितना आकूत धन लिया गया होगा, इसका अन्दाजा भाजपा के शाही चुनावी खर्चों से आसानी से लगाया जा सकता है।

उन्होंने कहा कि पूजीपतियों के सहयोग व चन्दे से भाजपा ने भारतीय राजनीति व सरकार में अपना बेजा हस्तक्षेप फी बढाया है, जिस कारण ही चुनाव साम, दाम, दंड, भेद आदि हथकंड़ों का खेल बनकर रह गया है। चुनाव आयुक्त ओ .पी. रावत एक कार्यक्रम में कह चुके हैं कि ‘आचार संहिता को ताक पर रखकर हर कीमत पर चुनाव जीतना वर्तमान में राजनीति का नया मापदंड बन गया है। देश मे इस प्रकार की राजनीतिक गिरावट बहुत ही खतरनाक है।

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