खुशखबरी: UP के 650 निरीक्षकों के डिप्टी SP बनने का रास्ता साफ

Edited By ,Updated: 15 Jun, 2016 05:58 PM

allahabad police allahabad high court

एक्स कैडर से रेग्युलर कैडर में पहुंचे सूबे के 650 पुलिस निरीक्षकों के पुलिस उपाधीक्षक बनने का रास्ता साफ हो गया है। इलाहाबाद उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने इस मामले में...

इलाहाबाद: एक्स कैडर से रेग्युलर कैडर में पहुंचे सूबे के 650 पुलिस निरीक्षकों के पुलिस उपाधीक्षक बनने का रास्ता साफ हो गया है। इलाहाबाद उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने इस मामले में एकल न्यायपीठ द्वारा सात जून को दिए आदेश को रद्द कर दिया है। एक्स कैडर के इन सभी निरीक्षकों को आऊट अॉफ टर्न प्रोन्नति मिली थी। इसके बाद सरकार ने एक निर्णय लेकर सभी को एक्स कैडर से रेग्यूलर कैडर में भेज दिया तथा वरिष्ठता सूची जारी करते हुए प्रोन्नति देने का निर्णय लिया था।

इस मामले में उच्च न्यायालय की इलाहाबाद और लखनऊ पीठ में कई याचिकाएं दाखिल हो गई हैं। इन याचिकाओं पर अलग अलग आदेश पारित हुए जिसे कमल सिंह यादव ने विशेष अपील में चुनौती दी थी। याची के अधिवक्ता का कहना था कि 23 जुलाई 2015 को सरकार ने शासनादेश जारी कर आऊट अॉफ टर्न प्रोन्नति पाए पुलिस कर्मियों को एक्स कैडर से रेग्यूलर कैडर में समायोजित करने का निर्णय लिया। इसके बाद इसी वर्ष 24 फरवरी को पुलिस निरीक्षकों की अंतिम वरिष्ठता सूची जारी कर दी गई। इस सूची को गजेन्द्र सिंह ने इलाहाबाद में याचिका दाखिल कर चुनौती दी। 

एकल पीठ ने सरकार से जवाब मांगते हुए याचिका पर सुनवाई की तिथि 23 जुलाई 2016 को नियत कर दी। इसके बाद लखनऊ खंडपीठ में महेन्द्र सिंह यादव और 6 अन्य याचिकाएं दाखिल की गई, वहां भी जवाब मांगते हुए कहा गया कि प्रोन्नति सूची याचिका पर होने वाले निर्णय के अधीन होगी। एक और याचिका प्रभात त्रिपाठी और 15 अन्य लखनऊ पीठ में दाखिल की गई। इसे भी पूर्व में दाखिल याचिका से संबद्ध कर दिया गया तथा एकल पीठ ने मामला मुख्य न्यायाधीश को संदर्भित कर दिया ताकि सभी याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई हो सके।

इस दौरान गौतमबुद्ध नगर के इंस्पेक्टर अमर सिंह यादव ने लखनऊ पीठ में एक और याचिका दाखिल कर शासनादेश और प्रोन्नति सूची को चुनौती दी। एकल पीठ ने 7 जून को इस पर आदेश पारित किया कि रेग्यूलर कैडर के निरीक्षकों को प्रोन्नति दे दी जाए तथा एक्स कैडर से रेग्यूलर कैडर में भेजे गए पुलिस कर्मियों को प्रोन्नति न दी जाए। इस आदेश को निरीक्षक राजेश द्विवेदी, उपेन्द्र सिंह और राजेन्द्र कुमार नागर ने विशेष अपील में चुनौती दी।

न्यायमूर्ति एस.एन.शुक्ला और न्यायमूर्ति सुनीत कुमार ने इस पर सुनवाई की। अधिवक्ता का कहना था कि एक पीठ ने प्रोन्नति को याचिका के अंतिम निर्णय के अधीन किया है जबकि दूसरी पीठ ने इसे मुख्य न्यायमूर्ति के समक्ष एक साथ सुनवाई के लिए संदर्भित किया है। इस स्थिति में एकलपीठ को इस पर आदेश पारित करने का क्षेत्राधिकार नहीं था। यह भी कहा गया कि ग्रीष्मकालीन अवकाश के दौरान इस मामले में ऐसी कोई जल्दी नहीं थी कि कोई आदेश पारित किया जाए। खंडपीठ ने गत 7 जून के आदेश को रद्द करते हुए विशेष अपील स्वीकार कर ली है।

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!