Edited By Nitika,Updated: 10 May, 2018 05:04 PM
उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में तेजी से प्राकृतिक जल स्रोत खत्म होते जा रहे है। इसके कारण पानी की परेशानी भी बढ़ रही है।
देहरादूनः उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में तेजी से प्राकृतिक जल स्रोत खत्म होते जा रहे है। इसके कारण पानी की परेशानी भी बढ़ रही है।
राज्य सरकार जल स्रोतों को बचाने के लिए चला रही अभियान
जानकारी के अनुसार, पहाड़ों में आमतौर पर प्राकृतिक जल स्रोतों की अधिक संख्या होती है लेकिन पिछले एक दशक से यह सूखते जा रहें हैं। इसके कई कारण है लेकिन अब सबसे जरूरी है कि इन्हें कैसे बचाया जा सके। इसको लेकर एक रोड मैप तैयार करना बेहद जरूरी है। राज्य सरकार खत्म होते जल स्रोतों को बचाने के लिए कई तरह के अभियान चला रही है।
65 प्रतिशत से अधिक का भू-भाग वन विभाग के अधीनः प्रकाश पंत
पेयजल मंत्री प्रकाश पंत ने कहा कि पहाड़ों में खत्म होते जल स्रोतों को बचाने के लिए कई सरकारी विभागों की सहायता ली जा रही है। जहां एक तरफ पिछले कुछ सालों में लगातार पानी की समस्या बढ़ती जा रही है, वहीं राज्य का 65 प्रतिशत से अधिक का भू-भाग वन विभाग के अधीन आता है। इस कारण वन विभाग के लिए भी इन प्राकृतिक जल स्रोतों को बचाना एक चुनौती है।
प्रमुख वन संरक्षक जयराम का कहना है कि प्राकृतिक जल स्रोत्रों को बचाया जा सकता है। इसके लिए काम किया जा रहा है। पहाड़ों में खाले बनाई जा रही है ताकि बारिश का पानी इनमें आकर जमा हो सके। उन्होंने कहा कि इसके लिए जून तक तैयारी कर ली जाएगी ताकि इस बार बारिश के पानी के जमा किया जा सके।