सहकारिता सम्मेलन में बोले धन सिंह रावत- उत्तराखंड के सभी 13 जिलों में खोले जाएंगे कोऑपरेटिव विलेज

Edited By Nitika,Updated: 18 Aug, 2022 04:12 PM

statement of dhan singh rawat

उत्तराखंड के सहकारिता मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि देहरादून जिले की सभी बहुद्देशीय सहकारी समितियां 5 सितंबर तक सम्पूर्ण कंप्यूटराइजेशन का कार्य निपटा दें, जिसके कारण समितियां पूर्ण रूप से पारदर्शिता के दायरे में आ जाएंगी।

 

देहरादून(कुलदीप रावत): उत्तराखंड के सहकारिता मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि देहरादून जिले की सभी बहुद्देशीय सहकारी समितियां 5 सितंबर तक सम्पूर्ण कंप्यूटराइजेशन का कार्य निपटा दें, जिसके कारण समितियां पूर्ण रूप से पारदर्शिता के दायरे में आ जाएंगी।
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डॉ. रावत दून विश्वविद्यालय के सभागार में सहकारिता सम्मेलन में बोल रहे थे। इस सहकारिता सम्मेलन में देहरादून जिले की समितियों के चेयरमैन व सचिव तथा सहकारिता के विशेषज्ञों ने भाग लिया। डॉ. रावत ने कहा कि संपूर्ण देश की सहकारी समितियों का कंप्यूटराइजेशन का कार्य हो रहा है। उत्तराखंड इस मामले में अग्रणी है। 108 समितियों का उत्तराखंड सहकारिता विभाग ने कंप्यूटराइजेशन का कार्य कर दिया है। शेष समितियों का कार्य 80% तक पूर्ण हो चुका है। देहरादून जनपद के ए आर और महाप्रबंधक सहित चेयरमैन, सचिवों से कहा कि वह 5 सितंबर तक कंप्यूटराइजेशन का कार्य निपटा लें। इस डेट के लिए लक्ष्य के साथ काम करें। कंप्यूटराइजेशन आत्मा से ग्रहण कर ले। उन्होंने कहा कि यदि 5 सितंबर तक कंप्यूटराइजेशन नहीं होगा तो समितियां ऋण वितरण नहीं कर पाएंगी। 
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मंत्री डॉ. रावत ने कहा कि 5 लाख नए खाते खोलें जाए। समिति के सदस्यों में वृद्धि अभियान चलाया जाए। उन्होंने कहा कि हर समिति तथा डिस्टिक कोऑपरेटिव बैंक की प्रत्येक शाखा में 3 बरस का बिजनेस डेवलपमेंट प्लान बनाया जाए। डॉ. रावत ने कहा कि उत्तराखंड सहकारिता विभाग द्वारा दीनदयाल उपाध्याय किसान कृषि ऋण में 0% ब्याज दर पर 6 लाख किसानों को ₹3600 करोड़ से अधिक का ऋण दिया गया है, जिससे किसान अपनी आमदनी दोगुनी कर रहे हैं। यह बहुत बड़ी उपलब्धि है।  सहकारिता मंत्री ने कहा कि उत्तराखंड सहकारिता विभाग डिजिटल प्लेटफार्म पर आ गया है। यह पिछले साढ़े 5 वर्षों की विशेष उपलब्धि है। पिछले वर्षों में विभाग ने जमीनी कार्य किए हैं, जिनका लाभ लाखों लोगों को मिल रहा है। उन्होंने कहा कि समिति और सहकारी बैंकों के खाताधारकों से संवाद किया जाए। उन्हें सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं की जानकारी दी जाए। इस तरह के सहकारिता सम्मेलन समस्त जिलों और ब्लॉकों में आयोजित किए जाने के निर्देश मंत्री द्वारा अफसरों को दिए गए हैं। इस तरह के सम्मेलनों से सहकारिता विभाग द्वारा चलाई जा रही तमाम योजनाओं की जानकारी पाकर किसान लाभान्वित होंगे। 

13 जनपदों में बनेंगे कोऑपरेटिव विलेज
सहकारिता मंत्री ने कहा कि हम पूरे प्रदेश भर में जनपद स्तर पर एक एक कॉपरेटिव विलेज स्थापित करने जा रहे हैं कोऑपरेटिव विलेज बनने के बाद उस गांव की आर्थिकी की प्रतिपूर्ति 100 प्रतिशत पैक्स के द्वारा हो जाएगी किसानों को गांव में ही ऑनलाइन सभी सुख सुविधाएं पैक्स के माध्यम से उपलब्ध हो जाएगी। आने वाले समय में उत्तराखंड के सभी 13 जनपदों में इस तरह के सहकारिता सम्मेलन आयोजित किए जाएंगे। इसके साथ ही 670 न्याय पंचायतों में ऋण वितरण के कार्य दिसंबर तक किए जाएंगे। 6 अन्य पर्वतीय जनपदों में मुख्यमंत्री घसियारी कल्याण योजना की लॉन्चिंग करने जा रहे हैं। जैसे ही अब पर्वतीय जिलों में बरसात कम हो जाएगी।
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मुख्यमंत्री घसियारी कल्याण योजना में अभी तक एक लाख घसियारी महिलाओं को इस योजना का लाभ मिल चुका है। यह योजना सभी पहाड़ी जिलों में शुरू हो जाएगी तो 3 लाख घास काटने वाली महिला बहनों को इससे लाभ पहुंचेगा। जल्द ही हम किसानों को लेकर सभी जनपदों में जिन किसानों के द्वारा इन्नोवेटेड कार्य खेती और बागवानी के क्षेत्र में किया जा रहा है। उन्हें 6 से 7 विभिन्न राज्य और 2 विदेशी यात्राएं जहां खेती और बागवानी के क्षेत्र में अध्ययन भ्रमण पर भेजा जाएगा। सभी 13 जनपदों में प्रत्येक किसान का चयन सचिव रजिस्टार कोऑपरेटिव और स्थानीय जिलाधिकारी और एक कमेटी के माध्यम से किया जाएगा।
 

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