Edited By Nitika,Updated: 02 Apr, 2020 11:21 AM
कोरोना वायरस संकट के बीच निजामुद्दीन मरकज में शामिल होने गई उत्तराखंड की तबलीगी जमात के सभी 26 सदस्य अभी दिल्ली में ही हैं जबकि लॉकडाउन के बावजूद बाहर से चुपचाप राज्य में घुसने वाले 13 लोगों के खिलाफ पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया है।
देहरादूनः कोरोना वायरस संकट के बीच निजामुद्दीन मरकज में शामिल होने गई उत्तराखंड की तबलीगी जमात के सभी 26 सदस्य अभी दिल्ली में ही हैं जबकि लॉकडाउन के बावजूद बाहर से चुपचाप राज्य में घुसने वाले 13 लोगों के खिलाफ पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया है।
पुलिस महानिदेशक, कानून एवं व्यवस्था, अशोक कुमार ने बताया कि निजामुद्दीन मरकज में उत्तराखंड से शामिल जमात के सभी 26 लोग अभी दिल्ली में ही हैं। उन्होंने कहा कि इन लोगों के घर से सत्यापन करने के अतिरिक्त इनकी मोबाइल लोकेशन से भी इस बात की पुष्टि कर ली गयी है। उन्होंने बताया कि इसके अलावा, पुलिस ने 13 ऐसे लोगों के खिलाफ आपदा प्रबंधन कानून के तहत मुकदमा दर्ज किया है, जो कोरोना खतरे से बचाव के लिए लागू लॉकडाउन के बावजूद बिना प्रशासन को सूचित किए चुपचाप राज्य में आ गए हैं।
वहीं पुलिस अधिकारी ने बताया कि पौड़ी जिले के श्रीनगर में चिन्हित किए गए 5 लोग सोमवार को आए हैं जबकि उधमसिंह नगर जिले में चिन्हित 8 लोगों ने बुधवार को प्रवेश किया है। उन्होंने बताया कि पूछताछ में उन्होंने क्रमश: उत्तर प्रदेश के बिजनौर और रामपुर में जमात में शामिल होने के बाद यहां आना स्वीकार किया है। अशोक कुमार ने बताया कि इन लोगों की मोबाइल लोकेशन निकालकर उनके बयान का सत्यापन करने की प्रक्रिया चल रही है।
हालांकि, कुमार ने कहा कि तबलीगी जमातें देश में एक जगह से दूसरी जगह आती जाती रहती हैं और इसके मद्देनजर पुलिस ने एक जनवरी से लेकर आज तक उत्तराखंड से बाहर गए 713 लोगों की सूची तैयार की है, जिसे सत्यापित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इसके अलावा जनवरी के बाद यहां आए उन 173 लोगों को पृथक कर दिया गया है, जिन्हें यहां आए 28 दिन से ज्यादा हो चुके हैं।
अधिकारी ने लोगों से आग्रह किया कि लॉकडाउन के दौरान राज्य में आए व्यक्ति तत्काल प्रशासन को इसकी सूचना दें ताकि उनका स्वास्थ्य परीक्षण करवाया जा सके और जरूरत पड़ने पर उन्हें पृथक रखा जा सके। कुमार ने कहा कि कोरोना संक्रमण से पीडित लोगों के स्वस्थ होने की काफी संभावना है, इसलिए इसे छुपाएं नहीं और अपना, अपने परिवार और समाज के हित के बारे में सोचें।