Edited By Nitika,Updated: 20 Jun, 2018 01:23 PM
उत्तराखंड में चारधाम यात्रा अपनी चरम सीमा पर है। इस बार केदारनाथ धाम में 6 लाख से अधिक श्रद्धालु बाबा केदार के दर्शन कर चुके हैं। इसके साथ-साथ धाम में पुनर्निर्माण कार्य भी तेज गति से किया जा रहा है
देहरादूनः उत्तराखंड में चारधाम यात्रा अपनी चरम सीमा पर है। इस बार केदारनाथ धाम में 6 लाख से अधिक श्रद्धालु बाबा केदार के दर्शन कर चुके हैं। इसके साथ-साथ धाम में पुनर्निर्माण कार्य भी तेज गति से किया जा रहा है लेकिन इन पुनर्निर्माण कार्यों पर भूविज्ञान संस्थान के वैज्ञानिकों ने सवाल उठाए हैं।
वाडिया इंस्टीट्यूट के वैज्ञानिक डॉ.प्रदीप श्रीवास्तव ने केदारनाथ धाम में चल रहे पुनर्निर्माण कार्यों पर सवाल उठाए हैं। वैज्ञानिक ने सवाल खड़े करते हुए कहा कि धाम को विकसित करने के लिए दिल्ली-मुंबई जैसी मैट्रो सिटी में होने वाले प्रोजेक्ट की तरह काम नहीं कर सकते। उन्होंने कहा कि धाम में कई चीजों को प्राकृतिक रूप में रखना बहुत जरुरी है।
इसके अतिरिक्त वैज्ञानिकों का कहना है कि पिछले कुछ दशकों की तुलना में आपदा जैसी स्थितियां अधिक पैदा हो रही है। इसका मुख्य कारण प्रकृति के साथ छेड़छाड़ करना है। बता दें कि 2013 में केदारनाथ धाम में आई आपदा के बाद से लगातार वहां पुनर्निर्माण कार्य किया जा रहा है। केदारघाटी को आपदा से निपटने के लिए मजबूत बनाया जा रहा है।