उच्च हिमालयी क्षेत्र में फंसे 22 लोगों को हेलीकॉप्टर से लाया गया धारचूला

Edited By Nitika,Updated: 23 Jun, 2021 03:12 PM

helicopter brought 22 people stranded in high himalayan region

उत्तराखंड में भूस्खलन के कारण सम्पर्क मार्ग बुरी तरह से क्षतिग्रस्त होने से चीन सीमा से सटे उच्च हिमालयी गांवों में जीवन कितना दुष्कर हो गया है, इसकी बानगी मंगलवार को देखने को मिली।

 

नैनीतालः उत्तराखंड में भूस्खलन के कारण सम्पर्क मार्ग बुरी तरह से क्षतिग्रस्त होने से चीन सीमा से सटे उच्च हिमालयी गांवों में जीवन कितना दुष्कर हो गया है, इसकी बानगी मंगलवार को देखने को मिली।

शासन और प्रशासन की सक्रियता के चलते 6 बीमारों के साथ ही कुल 22 लोगों को हेली सेवा से धारचूला लाया गया। राज्य के उच्च हिमालयी क्षेत्र में पिछले दिनों हुई भारी बरसात से कई जगह भूस्खलन हुआ है, जिससे पुल एवं सड़कें तथा सम्पर्क मार्ग बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए हैं। भूस्खलन के कारण कौशल विकास का प्रशिक्षण देने गयीं विभिन्न सरकारी विभागों के अधिकारियों एवं कर्मचारियों की एक 20 सदस्यीय टीम दुग्तू एवं ढांकर गांव में फंस गयी थी। यही नहीं उच्च हिमालयी क्षेत्रों में बसे गांवों में बीमार भी अपना उपचार के लिए नीचे नहीं आ पा रहे थे। प्रशासनिक सूत्रों ने बताया कि जिलाधिकारी आनंदस्वरूप ने इसे गंभीरता से लेते हुए इन लोगों को निकालने के लिए सरकार से एक हेली सेवा उपलब्ध कराने की मांग की। इसके बाद आज एक हेलीकाप्टर देहरादून से सीमांत पिथौरागढ़ पहुंचा।

प्रशासन के निर्देश पर सबसे पहले नागलिंग गांव से दो दिन नवजात सहित उसकी मां को बचाया गया। दोनों को उपचार के लिए उनके परिजनों के साथ धारचूला अस्पताल लाया गया। इसके साथ ही मालपा से कुछ दूरी पर बसे उच्च हिमालयी गांव बूंदी से भी कई दिनों से बीमार चल रहे दो बुजुर्गों को उपचार के लिये धारचूला पहुंचाया गया। इससे ग्रामीणों ने राहत की सांस ली। इसके बाद ढांकर और दुग्तू में फंसे 20 अधिकारियों एवं कर्मचारियों की टीम को निकालने के लिये रेस्क्यू चलाया गया। सूत्रों ने बताया कि 20 में से 16 अधिकारियों एवं कर्मचारियों को शाम तक निकाल लिया गया। इन सभी को हेलीकाप्टर से धारचूला तहसील लाया गया। यही नहीं खाद्यान्न की कमी के चलते खाद्यान्न एवं अन्य सामान भी सेला गांव पहुंचाया गया। जिलाधिकारी आनंदस्वरूप ने बताया कि बुधवार को भी रेस्क्यू चलाया जाएगा और पीड़ितों को राहत पहुंचायी जाएगी।

उल्लेखनीय है कि विभिन्न सरकारी विभागों की एक 20 सदस्यीय टीम मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत के निर्देश पर ग्रामीणों को कौशल विकास का प्रशिक्षण देने के लिए कुछ दिन पहले दारमा घाटी में गई थी लेकिन 3 दिन पहले हुई बरसात के चलते हुए भूस्खलन से धारचूला-दारमा सड़क कई जगह क्षतिग्रस्त हो गयी और पुल भी बह गए। इससे उच्च हिमालयी क्षेत्र में बसे लोग व टीम यहां फंस गई थी। यही नहीं सेला गांव में भी खाद्यान्न की कमी के चलते दस पैकेट खाद्यान्न व अन्य सामान सेला गांव पहुंचाया गया। जिलाधिकारी आनंदस्वरूप ने बताया कि बुधवार को भी रेस्क्यू चलाया जाएगा और पीड़ितों को मुख्यालय लाया जाएगा।

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