Edited By Punjab Kesari,Updated: 19 Jul, 2018 03:56 PM
उत्तराखंड में गंगा की सफाई और तटवर्ती शहरों में स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने की योजना में जर्मनी ने सहयोग का भरोसा दिया है। इस मामले में जर्मन डेवलपमेंट बैंक की एक टीम ने उत्तराखंड का दौरा किया है। टीम ने गंगा की मौजूदा स्थिति का निरीक्षण किया। दिसम्बर...
देहरादून: उत्तराखंड में गंगा की सफाई और तटवर्ती शहरों में स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने की योजना में जर्मनी ने सहयोग का भरोसा दिया है। इस मामले में जर्मन डेवलपमेंट बैंक की एक टीम ने उत्तराखंड का दौरा किया है। टीम ने गंगा की मौजूदा स्थिति का निरीक्षण किया। दिसम्बर तक इस मामले में भारत सरकार के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर होने की उम्मीद है। बुधवार को जर्मन डेवलपमेंट बैंक का मिशन दल मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह से सचिवालय में मिला।
मिशन दल ने बताया कि हरिद्वार और ऋषिकेश में अप्रेजल का कार्य पूरा कर लिया गया है। अप्रेजल रिपोर्ट केएफडब्लू को सौंपी जाएगी। दिसंबर में जल संसाधन मंत्रालय और केएफडब्लू के बीच सहमति पत्र पर हस्ताक्षर हो जाने की संभावना है। मुख्य सचिव को बताया गया कि जर्मनी के विशेषज्ञों की देखरेख में 15 एसटीपी के निर्माण और 10 नेटवर्किंग का कार्य किया जाएगा। इसके अलावा शुद्ध पेयजल के लिए भी आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा। दूसरे चरण में अन्य शहरों को भी लिया जाएगा।
जर्मन डेवलपमेंट बैंक (केएफडब्लू) स्वच्छ पेयजल और गंगा सफाई के लिए 960 करोड़ रुपये देगा। मुख्य सचिव ने केएफडब्लू के मिशन दल को हरिद्वार में लगने वाले अगले कुम्भ से पहले गंगा नदी को स्वच्छ बनाने के राज्य सरकार के संकल्प से अवगत कराया। उन्होंने अनुरोध किया कि केएफडब्लू 2022 तक अपनी परियोजना पूरी कर ले। इसके लिए राज्य सरकार सहयोग करेगी। बैठक में केएफडब्लू की साउथ एशिया हेड कार्ला बर्क, सचिव पेयजल अरविंद सिंह ह्यांकी, परियोजना निदेशक नमामि गंगे राघव लांगर सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।