Edited By Nitika,Updated: 24 Apr, 2019 02:36 PM
उत्तराखंड की धर्मनगरी हरिद्वार में गंगा की अविरलता और निर्मलता बनाए रखने के लिए संत आत्मबोधानंद पिछले 183 दिनों से अनशन पर बैठे हैं। इसके साथ ही अब उन्होंने 27 अप्रैल से जल त्यागने का भी ऐलान कर दिया है।
हरिद्वारः उत्तराखंड की धर्मनगरी हरिद्वार में गंगा की अविरलता और निर्मलता बनाए रखने के लिए संत आत्मबोधानंद पिछले 183 दिनों से अनशन पर बैठे हैं। इसके साथ ही अब उन्होंने 27 अप्रैल से जल त्यागने का भी ऐलान कर दिया है।
स्वामी शिवानंद ने प्रशासन को दी यह चेतावनी
जानकारी के अनुसार, मातृ सदन आश्रम के परमाध्यक्ष स्वामी शिवानंद महाराज ने आरोप लगाते हुए कहा कि गंगा रक्षा के लिए पिछले 183 दिनों से संत आत्मबोधानंद अनशन पर बैठे हैं लेकिन प्रशासन के द्वारा उनकी सुध नहीं ली गई। इसके साथ ही स्वामी शिवानंद ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर 25 अप्रैल तक संत आत्मबोधानंद की मांगों को पूरा नहीं किया गया तो वह 27 अप्रैल से जल का भी त्याग कर देंगे। इतना ही नहीं स्वामी शिवानंद ने स्पष्ट तौर पर कहा कि अगर इस बीच संत आत्मबोधानंद की मृत्यु हो गई तो इसका जिम्मेदार प्रशासन होगा।
प्रशासन के आग्रह को किया अस्वीकार
वहीं संत आत्मबोधानंद की जल त्यागने की घोषणा के बाद प्रशासन के हाथ पांव फूल गए। इसी बीच आनन-फानन में प्रशासन की एक टीम पुलिस बल के साथ मातृ सदन आश्रम पहुंची। टीम का नेतृत्व कर रही हरिद्वार एसडीएम कुसुम चौहान ने उनसे अनशन त्यागने का आग्रह किया लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया और अपनी मांगों पर अडिग रहे।
24 अक्टूबर से अनशन पर हैं संत आत्मबोधानंद
हरिद्वार एसडीएम कुसुम का कहना है कि उनके द्वारा संत आत्मबोधानंद की मांगों को प्रशासन तक भेज दिया गया है। बता दें कि स्वामी ज्ञान स्वरूप सानंद की मृत्यु के बाद मातृ सदन के संत आत्मबोधानंद ने उनकी लड़ाई को जारी रखा। संत आत्मबोधानंद 24 अक्टूबर से अनशन पर है।