प्रदूषण दूर करने को अब CNG पर भरोसा

Edited By Punjab Kesari,Updated: 25 Apr, 2018 08:40 PM

cng the only trust to away pollution in uttarakhand

करीब सत्तर प्रतिशत वन क्षेत्र वाले उत्तराखंड का शहरी हिस्सा प्रदूषण की भयंकर चपेट में है। देहरादून की हवा में प्रदूषण की मात्रा चार सौ प्रतिशत तक बढ़ गई है। यदि हालात यही रहे, तो राज्य के अन्य शहर भी इस बीमारी की चपेट में आ जाएंगे। शासन ने इस सच्चाई...

देहरादून/ब्यूरो। करीब सत्तर प्रतिशत वन क्षेत्र वाले उत्तराखंड का शहरी हिस्सा प्रदूषण की भयंकर चपेट में है। देहरादून की हवा में प्रदूषण की मात्रा चार सौ प्रतिशत तक बढ़ गई है। यदि हालात यही रहे, तो राज्य के अन्य शहर भी इस बीमारी की चपेट में आ जाएंगे। शासन ने इस सच्चाई को समझा है। इसे दूर करने के लिए मैराथन मंथन का दौर चल रहा है। बहरहाल, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को नोडल एजेंसी बनाते हुए परिवहन, पुलिस और अन्य कई महकमों को एकजुट कर प्रदूषण के खिलाफ  लड़ने का निर्णय लिया गया है। परिवहन विभाग ने आश्वस्त किया है कि दिसम्बर तक उत्तराखंड के देहरादून जैसे शहरों में सीएनजी पाइप लाइन आ जाएगी। इसके बाद प्रदूषण को नियंत्रित किया जा सकता है।

 

प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिव एसपी सुबुद्धि के अनुसार देहरादून शहर में पीएम (पार्टिकुलेट मैटर) 2.5, पीएम 10, सल्फर ऑक्साइड, नाइट्रोजन ऑक्साइड के आधार पर प्रदूषण की मॉनिटरिंग की जा रही है। घंटाघर, रायपुर, हिमालयन ड्रग और आईएसबीटी पर स्टेशन बनाये गए हैं। इन स्टेशनों की रिपोर्ट काफी गंभीर समस्या की ओर इंगित कर रही है। रिपोर्ट में प्रदूषण के चार प्रमुख कारक पाए गए हैं। वाहनों से निकलने वाला उत्सर्जन, निर्माण की गतिविधियां, खुले में जलाना और सड़क की धूल। इन चारों तथ्यों को प्रदूषण बढ़ाने के कारण माने गए हैं। उन्होंने बताया कि प्रदूषण के इन कारकों को दूर करने के लिए पुरानी गाड़ियों को चरणबद्ध रूप से हटाने का तंत्र विकसित करना होगा। वाहनों के प्रदूषण की जांच करनी होगी। ई-रिक्शा, ई-कार, ई-बस, ई-बाइक को बढ़ावा देना होगा।

 

भीड़ वाले इलाकों में वाहनों का प्रवेश रोकना होगा। खुले में कचरे को जलाने पर प्रतिबंध लगाना होगा और रात में सफाई का इंतजाम करना होगा। इस समस्या का संज्ञान लेते हुए मुख्य सचिव उत्पल कुमार ने मंगलवार को परिवहन, नगर विकास, वन, लोक निर्माण, पुलिस आदि विभागों के अफसरों की बैठक बुलाई। बैठक में उन्होंने सभी विभागों को एकजुट होकर इस प्रयास में शामिल होने को कहा। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को इस टीम की नोडल एजेंसी बनाया गया है। बैठक में मौजूद सचिव परिवहन डी. सेंथिल पांडियन ने बताया कि दिसम्बर तक सीएनजी की पाइपलाइन आ जाएगी। उसके बाद सीएनजी से गाड़ियों के संचालन को बढ़ावा दिया जाएगा। 

 

पांडियन ने बताया कि प्रदूषण को रोकने के लिए 909 ई-रिक्शा का पंजीकरण किया गया है। विद्युत बैटरी या सोलर पावर से चलने वाले वाहनों को कर में छूट दी गई है। वाहनों के पंजीकरण और नवीनीकरण के समय ग्रीन सेस की व्यवस्था की गई है। इसके अलावा जल्द ही प्रदूषण जांच केंद्रों को वाहन-4 सॉफ्टवेयर से जोड़ दिया जाएगा। पांडियन ने बताया कि राज्य में 25.61 लाख वाहन संचालित हैं, जिनमें 8.68 वाहन देहरादून में चलते हैं। राज्य में प्रतिवर्ष 2 लाख नए वाहनों का पंजीकरण होता है। राज्य में 103 प्रदूषण जांच केंद्र स्थापित हैं। इनमें 26 जांच केंद्र देहरादून में हैं। बैठक में सचिव शहरी विकास आर.के. सुधांशु, सचिव वन अरविंद सिंह ह्यांकी सहित अन्य अधिकारियों ने भी अपने विचार रखे। तय यह हुआ कि बैट्री चालित वाहनों ई-वाहनों को प्रोत्साहित किया जाए और यथासंभव डीजल व पेट्रोल के वाहनों को सड़कों से दूर किया जाए।

 

प्रदूषित शहरों में दून छठे स्थान पर
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से हाल ही में संसद में पेश रिपोर्ट के अनुसार प्रदूषण के मामले में देश के 275 शहरों में राजधानी देहरादून का स्थान छठा है। देहरादून ही नहीं, रुद्रपुर, हल्द्वानी, ऋषिकेश और हरिद्वार, रुड़की जैसे शहर भी प्रदूषण की चपेट में हैं। यदि समय रहते कदम न उठाए गए, तो आने वाले समय में इन्हें दून जैसा बनने में देर नहीं लगेगी। रिपोर्ट के मुताबिक दून में पीएम (पार्टिकुलेट मैटर)-10 की मात्रा मानक से चार गुना 241 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर (वार्षिक औसत) पाई गई है। देहरादून पर ही गौर करें, तो यहां हर साल 55 हजार नए वाहन पंजीकृत हो रहे हैं। उधर, दून में हरियाली का ग्राफ  65 फीसदी से अधिक घट गया है। हरियाली का यह आवरण अन्य शहरों से भी लगातार कम होता जा रहा है।

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!