Edited By Imran,Updated: 04 Mar, 2025 11:59 AM

राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में पढ़ाने वाले शिक्षकों के लिए राहत भरी खबर है, दरअसल अब सरकार ने शिक्षकों को बड़ी राहत देते हुए आर्थिक सहायता में बढ़ोतरी की है। अब गंभीर बीमारियों से जूझ रहे शिक्षकों को 30,000 रुपये की बजाय 1 लाख रुपये की सहायता...
UP News: राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में पढ़ाने वाले शिक्षकों के लिए राहत भरी खबर है, दरअसल अब सरकार ने शिक्षकों को बड़ी राहत देते हुए आर्थिक सहायता में बढ़ोतरी की है। अब गंभीर बीमारियों से जूझ रहे शिक्षकों को 30,000 रुपये की बजाय 1 लाख रुपये की सहायता मिलेगी। वहीं, मृत शिक्षकों की बेटियों के विवाह के लिए मिलने वाली राशि को 10,000 रुपये से बढ़ाकर 1 लाख रुपये कर दिया गया है।
आपको बता दें कि शासन ने इस संबंध में राष्ट्रीय अध्यापक कल्याण प्रतिष्ठान की नियमावली में संशोधन कर दिया है। नए नियमों के तहत, गंभीर रूप से बीमार शिक्षकों को तत्काल राहत देने के लिए पहले चरण में 50,000 रुपये दिए जाएंगे। विशेष परिस्थितियों में अतिरिक्त सहायता राशि भी दी जा सकती है, जिसके लिए संबंधित शिक्षक को सक्षम अधिकारी का प्रमाण पत्र जमा करना होगा।
माध्यमिक शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार ने जानकारी दी कि शिक्षकों और उनके आश्रितों को सहायता राशि के लिए ऑनलाइन आवेदन करना होगा। इस प्रक्रिया को सरल और पारदर्शी बनाने के लिए एक पोर्टल तैयार किया जा रहा है, जहां शिक्षक अपने आवेदन जमा कर सकेंगे। इस पोर्टल पर आने वाले आवेदनों को निर्धारित समय के भीतर निस्तारित किया जाएगा। आवेदन प्रक्रिया की निगरानी के लिए तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया जाएगा। इस कमेटी की जिम्मेदारी होगी कि वे शिक्षकों के आवेदनों की समीक्षा करें और समय पर सहायता राशि वितरित करें। सरकार का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि जरूरतमंद शिक्षकों को जल्द से जल्द राहत दी जा सके।
झंडा शुल्क और सहयोग राशि में बढ़ोतरी
सरकार ने छात्रों से झंडा शुल्क और सहयोग राशि में भी बदलाव किया है। अब कक्षा 1 से 8 तक के छात्रों से 2 रुपये की बजाय 5 रुपये और कक्षा 9 से 12 तक के छात्रों से 10 रुपये झंडा शुल्क लिया जाएगा। यह राशि शिक्षकों के कल्याण कोष में योगदान देने के लिए उपयोग की जाएगी। इसके अलावा, शिक्षक दिवस के अवसर पर शिक्षकों से ली जाने वाली सहयोग राशि को भी बढ़ाने का प्रस्ताव है। सरकार इस राशि को 100 रुपये करने की योजना बना रही है, लेकिन अंतिम निर्णय शिक्षक संगठनों से बातचीत के बाद लिया जाएगा।