Edited By Imran,Updated: 10 Jul, 2023 03:15 PM
Agra News: यूपी के आगरा जिले में एक प्राइमरी स्कूल की महिला अध्यापक ड्यूटी को करने को लेकर आग बबूला हो गई। बात-चीत से शुरू हुई बहस देखते-देखते इतना बढ़ गया कि शिक्षिका परीक्षा के बीच चप्पल लेकर शिक्षकों पर बरस पड़ी। बीच-बचाव करने आए प्रधानाध्यापक...
Agra News: यूपी के आगरा जिले में एक प्राइमरी स्कूल की महिला अध्यापक ड्यूटी को करने को लेकर आग बबूला हो गई। बात-चीत से शुरू हुई बहस देखते-देखते इतना बढ़ गया कि शिक्षिका परीक्षा के बीच चप्पल लेकर शिक्षकों पर बरस पड़ी। बीच-बचाव करने आए प्रधानाध्यापक को भी उसने नहीं छोड़ा। जो सामने आया उस पर चप्पल बरसा दी।
आपको बता दें कि यह घटना जिले के ताजगंज क्षेत्र नगर निगम इंटर कॉलेज का है। कॉलेज में डीएलएड की परीक्षाएं चल रही थीं। इसमें एत्मादपुर ब्लॉक के प्राइमरी स्कूल भवाई की शिक्षिका अलका उपाध्याय की ड्यूटी भी लगाई गई थी। प्रधानाध्यापक अशोक वर्मा का कहना है कि शिक्षिका सुबह करीब 11 बजे कॉलेज पहुंची थी। उनकी ड्यूटी सकेंड शिफ्ट में थी। आते ही उन्होंने ड्यूटी को लेकर झगड़ना शुरू कर दिया। उनके साथ 3-4 अन्य व्यक्ति भी थे। उनमें से एक शिक्षिका का पति था। वह अपनी पत्नी की ड्यटूी विशेष कमरे में लगवाने की जिद कर रहा था। इस बात पर बहस हो रही थी। शिक्षकों से तकरार होने लगी। इसी बीच शिक्षिका अलका उपाध्याय ने चप्पल हाथ में लेकर मारनी शुरू कर दी। जो सामने आया उस पर चप्पलें फेंकने लगी।
पत्नी के साथ पति ने भी दिखाया तेवर
शिक्षक पंकज ने बताया कि तीन जुलाई से कालेज में डीएलएड की परीक्षाएं शुरू हुई थीं। शनिवार को परीक्षा का अंतिम दिन था। शिक्षिका अलका का शुरू से ही ड्यूटी को लेकर अजीब रवैया रहा था। शनिवार को शिक्षिका का पति परीक्षा के दौरान प्रधानाचार्य कक्ष में घुस आया और आते ही हड़काने लगा। वह कह रहा था कि उसके रिश्तेदार एसडीएम हैं। उसकी पत्नी की ड्यूटी विशेष कक्ष में लगाई जाए, नहीं तो तुम्हारे कॉलर खिंचवा दिए जाएंगे।
नौकरी जाने के डर से नहीं दी शिकायत
वहीं, महिला अध्यापक और उसके पति द्वारा किए गए घटना की जानकारी तत्काल डीआईओएस और बीएसए को दी गई, लेकिन कोई भी अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा। इस पर पुलिस को सूचना दी गई। पुलिस दोनों पक्षों को लेकर थाने पहुंच गई। दोनों एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगा रहे थे, लेकिन सरकारी नौकरी जाने के डर से किसी ने लिखित शिकायत नहीं दी और बाद में दोनों पक्षों में समझौता हो गया।