Edited By Ruby,Updated: 13 Apr, 2018 07:17 PM
आंबेडकर जयंती के मद्देनजर उत्तर प्रदेश में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है ताकि किसी संभावित हिंसक घटना को रोका जा सके। राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि जिलाधिकारियों और पुलिस अधीक्षकों से कहा गया है कि कल आंबेडकर जयंती के मौके पर वे अपने-अपने क्षेत्रों...
लखनऊः आंबेडकर जयंती के मद्देनजर उत्तर प्रदेश में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है ताकि किसी संभावित हिंसक घटना को रोका जा सके। राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि जिलाधिकारियों और पुलिस अधीक्षकों से कहा गया है कि कल आंबेडकर जयंती के मौके पर वे अपने-अपने क्षेत्रों में शांति सुनिश्चित करें और कोई हिंसा नहीं होने दें।
गृह विभाग ने जिलों के पुलिस प्रशासनिक अधिकारियों से कहा है कि वे गश्त तेज कर दें ताकि जानमाल का कोई नुकसान नहीं होने पाए। यदि कहीं आवश्यकता हो तो निषेधाज्ञा लगाई जा सकती है। प्रवक्ता के मुताबिक जिलाधिकारियों और पुलिस अधीक्षकों से कहा गया है कि वे कानून व्यवस्था की स्थिति चाक चौबंद रखने के लिए हर आवश्यक कदम उठाएं। भाजपा आंबेडकर जयंती जोर शोर से मनाने की तैयारी कर रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को‘दलित मित्र’की उपमा दी जाएगी।
उत्तर प्रदेश भाजपा के अनुसूचित जाति मोर्चा के अध्यक्ष मोहनलालगंज से भाजपा सांसद कौशल किशोर ने कहा कि पार्टी कार्यकर्ता प्रत्येक जनपद में पदयात्रा करेंगे। बसपा के समर्थन से फूलपुर और गोरखपुर लोकसभा सीटों के उपचुनाव में विजय हासिल करने वाली सपा भी बड़े पैमाने पर आंबेडकर जयंती मनाने की तैयारी कर रही है। इससे पहले सपा समाजवादी विचारकों डॉ. राम मनोहर लोहिया और जनेश्चर मिश्र के जन्मदिन मनाती आई है, लेकिन अब उसने सभी जिला इकाइयों से कहा है कि वे आंबेडकर जयंती पूरे जोश से मनाएं।
बसपा अपनी पार्टी प्रमुख मायावती की अगुआई में हर साल जोर शोर से आंबेडकर जयंती मनाती आई है। आंबेडकर महासभा ने योगी को‘दलित मित्र’की उपमा देने का फैसला किया है। आंबेडकर की विरासत के राजनीतिकरण पर विभिन्न दलों को आड़े हाथ लेते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इसी महीने कहा है कि जितना उनकी सरकार ने दलितों के मसीहा आंबेडकर का सम्मान किया है, किसी अन्य ने नहीं। मुजफ्फरनगर से मिली खबर के मुताबिक वहां सुरक्षा इंतजाम कडे कर दिए गए हैं। अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति अधिनियम पर उच्चतम न्यायालय के फैसले के विरोध में हुए ‘‘भारत बंद’’ के दौरान मुजफ्फरनगर में काफी हिंसा हुई थी।