Tokyo Olympics में शानदार प्रदर्शन… अब हॉकी और जैवलिन थ्रो की तरफ आकर्षित हो रहे हैं युवा

Edited By Umakant yadav,Updated: 17 Aug, 2021 01:30 PM

tokyo olympics now youth are getting attracted towards hockey and javelin throw

टोक्यो ओलंपिक में भारतीय खिलाड़ियों के शानदार परफॉर्मेंस की खुमारी अब लोगों के सिर चढ़कर बोल रहा है। एथलीट नीरज चोपड़ा के गोल्ड मेडल जीतने की बात हो या फिर पुरुष हॉकी टीम का ब्रोंज मैडल जीतने की। टोक्यो ओलंपिक का परिणाम है कि खेल मैदानों पर युवाओं व...

प्रयागराज: टोक्यो ओलंपिक में भारतीय खिलाड़ियों के शानदार परफॉर्मेंस की खुमारी अब लोगों के सिर चढ़कर बोल रहा है। एथलीट नीरज चोपड़ा के गोल्ड मेडल जीतने की बात हो या फिर पुरुष हॉकी टीम का ब्रोंज मैडल जीतने की। टोक्यो ओलंपिक का परिणाम है कि खेल मैदानों पर युवाओं व बच्चों का रुझान अब भाला फेंक इवेंट (जैवलिन) और हॉकी में बढ़ने लगा है। बीते 10 दिनों में दोनों खेलों में भारी संख्या में छोटे बच्चे और युवा खिलाड़ी इन दोनों खेलों के प्रति आकर्षित हो रहे हैं। जो खिलाड़ी टोक्यो ओलंपिक से पहले कोई दूसरा खेल खेलते थे वह अब जैवलिन और हॉकी की तरफ अपना कैरियर बनाने का संकल्प ले रहे हैं।

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बता दें कि प्रयागराज के मदन मोहन मालवीय स्टेडियम में जैवलिन थ्रो के प्रति युवा खिलाड़ी आकर्षित हो रहे हैं। स्टेडियम के प्रशिक्षकों की मानें तो स्टेडियम में भाले फेंकने (जेवलिन थ्रो) की इच्छा लेकर रोजाना नए खिलाड़ी पहुंच रहे हैं।

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प्रशिक्षकों का कहना है कि ओलंपिक में नीरज चोपड़ा के गोल्ड मेडल जीतने के बाद बच्चों और युवाओं का रुझान बढ़ा है। टोक्यो ओलंपिक में भारत को एकमात्र गोल्ड जैवलिन थ्रो यानी भाला फेंकने से मिला है जिसके बाद अब यह खेल लोगों की पहली पसंद बना हुआ है।

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बीते 1 हफ्तों की बात करें तो जैवलिन थ्रो सीखने के लिए काफी युवा खिलाड़ी स्टेडियम आ रहे हैं। उनका आवेदन ले लिया जा रहा है। ऐसे में स्टेडियम के प्रशिक्षक सतेंद्र सिंह का कहना है कि अगर सरकार खिलाड़ियों और खेल को प्रमोट करे तो हर राज्य से गोल्ड मेडल जीतने वाले खिलाड़ी सामने आएंगे।


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प्रशिक्षक सतेंद्र सिंह का ये भी कहना है कि रोजाना खिलाड़ी इस इवेंट में प्रतिभा देखाने के लिए मैदान पर पहुंच रहे हैं। आगामी दिनों में खिलाड़ियों की संख्या और बढ़ने की उम्मीद है, तो उधर युवा खिलाड़ियों का कहना है कि वह भी नीरज चोपड़ा की तरह देश का नाम रोशन करना चाहते हैं। इसलिए वह जैवलिन थ्रो या कहे की भाला फेंकने में अपना कैरियर बनाना चाहते हैं। वहीं दूसरी तरफ प्रयागराज के एमआईसी ग्राउंड पर युवा खिलाड़ी अब हॉकी की तरफ रुख इख्तियार कर रहे हैं। भारत के लिए अंतरराष्ट्रीय मैच खेल चुके मोहम्मद आमिर का कहना है कि टोक्यो ओलंपिक में ब्रॉन्ज मेडल जीतने के बाद बीते 10 दिनों में भारी संख्या में छोटे बच्चे -युवा खिलाड़ी हॉकी में अपना कैरियर बनाने और खेलने के लिए इच्छा जाहिर कर रहे हैं।

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अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ी और एम आई सी ग्राउंड के कोच मोहम्मद आमिर का कहना है कि देश में जिस तरीके से कुछ अन्य खेलों को प्रमोशन मिलता है उसी तरह अगर हॉकी को भी प्रमोशन मिलता रहा तो हमारा देश ओलंपिक में गोल्ड मेडल जरूर जीतेगा। टोक्यो ओलंपिक में ब्रॉन्ज मेडल जीतने के बाद कम उम्र के खिलाड़ी की तादाद बढ़ी है। साथ ही साथ उनके अभिभावक भी अपने बच्चों को खेल के प्रति जोड़ना चाह रहे हैं।

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उधर, 10 साल के युवा खिलाड़ी यूसुफ ज़हीर का कहना है कि ओलंपिक मेडल जीतने से पहले वह दूसरा खेल खेला करता था, लेकिन जब से हॉकी टीम ने टोक्यो ओलंपिक में मेडल जीता है तब से वह भी अपना कैरियर हॉकी की तरह बनाना चाहता है और देश के लिए खेलना चाहता है।

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