इत्र कारोबारी मामला: 52 करोड़ का टैक्स जमा करने की खबरें बेबुनियाद, DGGI बोले- जांच जारी

Edited By Ramkesh,Updated: 30 Dec, 2021 05:57 PM

the news of depositing tax of 52 crores baseless dggi

उत्तर प्रदेश में कन्नौज की इत्र कंपनी ओडोकेम इंडस्ट्रीज और उसके मालिक पीयूष जैन के ठिकानों पर छापे में पकड़ी पूरी राशि को ‘प्रकरण की सम्पत्ति'' के रूप में भारतीय स्टेट बैंक की हिफाजत में रखा गया है और उसमें से एक भी पैसे की कर देनदारी नहीं निपटाई गयी...

लखनऊ/दिल्ली: उत्तर प्रदेश में कन्नौज की इत्र कंपनी ओडोकेम इंडस्ट्रीज और उसके मालिक पीयूष जैन के ठिकानों पर छापे में पकड़ी पूरी राशि को ‘प्रकरण की सम्पत्ति' के रूप में भारतीय स्टेट बैंक की हिफाजत में रखा गया है और उसमें से एक भी पैसे की कर देनदारी नहीं निपटाई गयी है। यह स्पष्टीकरण केंद्रीय वित्त मंत्रालय के तहत काम करने वाली एक एजेंसी ने दिया है। जीएसटी आसूचना महानिदेशालय (डीजीजीआई) ने उत्तर प्रदेश के इस इत्र विनिर्माता के कानपुर और कन्नौज में जगहों पर फैले ठिकानों पर छापे को लेकर मीडिया की ऐसी खबरों का खंडन किया है कि उसने छापे में मिली नकदी को इत्र बनाने वाली इस इकाई के कारोबार का पैसा मान कर उसके अनुसार कारर्वाई करने का निर्णय लिया है। कतिपय खबरों में यह भी कहा गया था कि पीयूष जैन द्वारा कर देनदारी कुबूल किए जाने के बाद डीजीजीआई की स्वीकृति से जब्त धन से 52 करोड़ रुपये कर के बकाये के एवज में जमा करा दिए हैं।

 डीजीजीआई ने गुरुवार को बयान जारी कर ऐसी खबरों का ब्योरेवार खंडन किया। उसकी ओर से जारी सरकारी बयान में कहा गया है कि इस कारर्वाई में दो ठकानों से अब तक 197.49 करोड़ रुपये की नकदी, 23 किलोग्राम सोना और कुछ कीमती आपत्तिजनक वस्तुएं बरामद हुई हैं। डीजीजीआई ने स्पष्ट किया है कि मीडिया की कुछ खबरों में इस मामले को ऐसे प्रस्तुत किया जा रहा है मानों उसने जैन की बात मान ली है और उसके आधार पर कर देनदारी तय कर दी है। बयान में स्पष्ट कहा गया है कि इस तरह की खबरे सरासर अटकलाजी हैं। उनमें कोई तथ्य नहीं है। डीजीजीआई का कहना है कि यह कारर्वाई बड़े पेशेवर अंदाज में और पुख्ता आसूचनाओं के बाद की गयी है तथा इसमें जांच जारी है।

डीजीजीआई ने कहा है, ‘इस संबंध में यह स्पष्ट किया जाता है कि इस मामले में मेसर्स पीयूष गोयल के कारखाने और घर से प्राप्त कुल धनराशि, जांच पूरी होने तक इस मामले की संपत्ति के रूप में भारतीय स्टेट बैंक के पास सुरक्षित रखी रहेगी। डीजीजीआई ने यह भी कहा है कि पीयूष जैन ने स्वेच्छा से जो बयान दिया है, वह जांच का विषय है। इस कार्रवाई में जब्त की गयी धन-सम्पत्ति के स्रोत और उसको लेकर कंपनी, उसके प्रवर्तक और अन्य व्यक्तियों की जिम्मेदारी के बारे में कोई निर्णय छापे में प्राप्त साक्ष्यों और आगे की जांच के आधार पर किया जाएगा। बयान में कहा गया है कि जैन के बयान और प्राप्त साक्ष्यों के आधार पर उन्हें 26 दिसंबर को सीजीएसटी अधिनियम की धारा 132 के तहत गिरफ्तार कर लिया गया। उन्हें 27 दिसंबर को उपयुक्त अदालत में पेश किया गया। अदालत ने उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में दिया है।

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