प्रशासन की लापरवाही से गिरा सैकड़ों वर्ष पुराना विश्वनाथ मंदिर का ‘अक्षयवट’, जुड़ी है ये महत्वपूर्ण मान्यताएं

Edited By Moulshree Tripathi,Updated: 28 Apr, 2021 05:04 PM

the  akshayavat  tree of vishwanath temple which has fallen

शिवनगरी काशी में मान्यता है कि यहां कण-कण में शिव का वास होता है। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के निर्माण कार्य के दौरान प्रशासन

वाराणसीः शिवनगरी काशी में मान्यता है कि यहां कण-कण में शिव का वास होता है। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के निर्माण कार्य के दौरान प्रशासन की लापरवाही से सैकड़ों वर्ष पुराना अक्षयवट पेड़ गिर गया है। वृक्ष गिरने के बड़े लापरवाही पर पुजारियों व महंत परिवार में बेहद आक्रोश दिखा। इसके साथ ही उन्होंने प्रशासन पर मिलीभगत का आरोप भी लगाया है।

देश भर में केवल 3 जगहों पर है स्थित 
बता दें कि मंदिर के ठीक बगल में स्थित इस अक्षयवट से जुड़ी कई मान्यताएं हैं।  यहां कई बड़े व छोटे धार्मिक अनुष्ठान होते थे। यह पेड़ काशी, प्रयाग और गया मात्र तीन जगहों पर हैं। गया में वृक्ष के नीचे पिंडदान, प्रयागराज में सिर मुंडन और काशी में इसी वृक्ष के नीचे दंडी स्वामी को भोजन कराने की मान्यता रही है। इसके साथ ही तीनों स्थानों पर हनुमान जी तीन स्वरूप में विराजमान हैं। गया में हनुमानजी बैठे हैं, प्रयागराज में लेटे और काशी में खड़े हैं।

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