Edited By Ajay kumar,Updated: 12 Dec, 2023 01:25 PM
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अपने महत्वपूर्ण फैसले में कहा कि नई पेंशन योजना लागू होने से पहले के विज्ञापन से चयनित सहायक अध्यापकों को पुरानी पेंशन योजना का लाभ मिलेगा। कोर्ट ने सरकार के इस तर्क को भी अमान्य करार दिया कि नियुक्तियां नई पेंशन योजना लागू होने...
प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अपने महत्वपूर्ण फैसले में कहा कि नई पेंशन योजना लागू होने से पहले के विज्ञापन से चयनित सहायक अध्यापकों को पुरानी पेंशन योजना का लाभ मिलेगा। कोर्ट ने सरकार के इस तर्क को भी अमान्य करार दिया कि नियुक्तियां नई पेंशन योजना लागू होने के बाद की गई हैं। इस कारण वह नई पेंशन योजना के तहत आएंगे।
हाईकोर्ट के फैसले को दी गई थी चुनौती
उक्त आदेश न्यायमूर्ति विकास बुधवार की एकलपीठ ने नंदलाल यादव सहित कई अन्य की याचिका पर पारित किया। सभी याची सहायक अध्यापक 1 अप्रैल 2005 के बाद नियुक्त हुए थे। इस कारण वे पुरानी पेंशन स्कीम का लाभ पाने के हकदार नहीं माने जाएंगे। याचिकाओं में इसी आदेश को चुनौती दी गई थी।
याचियों को नहीं दिया गया पुरानी पेंशन का लाभ
याचियों के अधिवक्ता ने तर्क दिया कि याची के साथ चयनित और नियुक्त अन्य सभी अध्यापकों को पुरानी पेंशन योजना का लाभ मिल रहा है, लेकिन याचियों को इसका लाभ नहीं दिया जा रहा है। अन्य चयनित सहायक अध्यापकों की नियुक्तियां नई पेंशन योजना से पहले हो गई थी, जबकि याचियों को विभाग की गलती से ज्वाइन नहीं कराया गया था। तर्क दिया कि वर्ष 2002 में भर्ती विज्ञापन जारी हुआ था। 29 नवंबर 2004 को इंटरव्यू और 24 दिसंबर 2004 को परिणाम घोषित किया गया।