Edited By Pooja Gill,Updated: 15 Oct, 2023 10:20 AM
Shardiya Navratri: आज से शारदीय नवरात्रि शुरू हो रहे हैं। इस बार नवरात्र में मां दुर्गा शेर की सवारी छोड़ गज (हाथी) पर सवार होकर आएंगी। शारदीय नवरात्र के पहले दिन गुरु गोरक्षनाथ की तपोभूमि गोरखनाथ मंदिर में आदिशक्ति की...
Shardiya Navratri: आज से शारदीय नवरात्रि शुरू हो रहे हैं। इस बार नवरात्र में मां दुर्गा शेर की सवारी छोड़ गज (हाथी) पर सवार होकर आएंगी। शारदीय नवरात्र के पहले दिन गुरु गोरक्षनाथ की तपोभूमि गोरखनाथ मंदिर में आदिशक्ति की परंपरागत पूजा की जाती है। इसके लिए पहले से ही तैयारी शुरू कर दी जाती है जो अब पूरी हो चुकी है। नवरात्र के दिन आज मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बतौर गोरक्षपीठाधीश्वर शाम पांच बजे कलश स्थापित करेंगे और मां भगवती के पहले स्वरूप शैलपुत्री की आराधना करेंगे। इसी के साथ सुबह से ही मंदिर में भक्त आने लगे है और मां का आशीर्वाद ले रहे है।
बता दें कि नवरात्र में माँ के अलग-अलग रूपों की पूजा की जाती है। आज पहले नवरात्र पर मां के पहले स्वरूप शैलपुत्री की पूजा की जाएगी। इस बार बुधादित्य योग भी बन रहा है। यह शुभ संयोग है। विशेष बात यह है कि भक्तों को पूरे नौ दिन मां भगवती के व्रत करने को मिलेंगे। नवरात्रि में महाकाली, महालक्ष्मी और महासरस्वती सहित दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा की जाएगी। इसी को लेकर आज गोरखनाथ मंदिर परिसर पर मां आदिशक्ति की परंपरागत पूजा आयोजित की जाएगी और सीएम योगी मां की पूजा करेंगे।
सीएम करेंगे कलश की स्थापना
जानकारी के मुताबिक, नवरात्रि की प्रतिपदा पर रविवार की शाम पांच बजे गोरखनाथ मंदिर में परंपरागत कलश यात्रा निकाली जाएगी। कलश यात्रा में साधु-संत, पुजारी, योगी, वेदपाठी बालक, पुरोहित एवं श्रद्धालु शामिल होंगे। नाथ पीठ के परंपरागत वाद्ययंत्रों की गूंज और परंपरागत अस्त्र-शस्त्र यात्रा की शोभा होंगे। शक्तिपीठ से निकलकर शोभायात्रा भीम सरोवर पहुंचेगी, जहां वैदिक मंत्रोच्चार के बीच कलश में जल भरा जाएगा। उसी कलश की स्थापना शक्तिपीठ में मुख्यमंत्री के हाथों होगी।
CM योगी ने दी शुभकामनाएं
वहीं मुख्यमंत्री योगी ने शारदीय नवरात्रि के शुभ अवसर पर प्रदेशवासियों को आज हार्दिक शुभकामनाएं दीं । मुख्यमंत्री ने जारी संदेश में कहा कि भारत की सनातन धर्म की परम्परा में मां दुर्गा की उपासना का प्राचीन काल से ही अत्यधिक महत्व है। मां दुर्गा शक्ति की अधिष्ठात्री देवी हैं। इनके अनन्त रूप हैं लेकिन प्रधान 9 रूपों में नवदुर्गा बनकर आदिशक्ति चराचर जगत पर अपनी करुणा की वर्षा करती हैं। उन्होंने कहा कि नवरात्रि का कार्यक्रम मातृशक्ति के प्रति भारत के भावना का प्रभावी प्रतिनिधित्व करता है। आइए, इस अवसर पर आध्यात्मिक साधना के साथ ही नारी गरिमा की सुरक्षा, सम्मान एवं स्वावलम्बन के प्रतीक स्वरूप ‘‘मिशन शक्ति'' चतुर्थ संस्करण को सफल बनाएं।