Edited By Ramkesh,Updated: 13 Feb, 2023 06:34 PM
उच्चतम न्यायालय ने रामपुर सदर विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव को अमान्य घोषित करने का अनुरोध वाली एक जनहित याचिका पर सोमवार को विचार करने से इनकार कर दिया। इस जनहित याचिका में उपचुनाव को इस आधार पर अमान्य करार देने का अनुरोध किया गया था कि कई मतदाताओं...
रामपुर / नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने रामपुर सदर विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव को अमान्य घोषित करने का अनुरोध वाली एक जनहित याचिका पर सोमवार को विचार करने से इनकार कर दिया। इस जनहित याचिका में उपचुनाव को इस आधार पर अमान्य करार देने का अनुरोध किया गया था कि कई मतदाताओं को वोट डालने से रोक दिया गया था। एक आपराधिक मामले में दोषी ठहराए जाने के पश्चात समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान को विधानसभा की सदस्यता से अयोग्य घोषित कर दिया गया था, जिसके बाद यह सीट खाली हो गई थी।
प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा और न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला की पीठ ने कहा, ‘‘आप एक रिट याचिका दायर करके चुनाव को कैसे चुनौती दे सकते हैं? कृपया चुनाव याचिका दायर करें।'' पीठ ने कहा कि अब तो नतीजे भी घोषित हो चुके हैं और चुनाव याचिका के अलावा किसी याचिका पर विचार नहीं किया जा सकता। जनहित याचिका वकील सुलेमान मोहम्मद खान ने अपनी व्यक्तिगत क्षमता में दायर की थी। पीठ ने कहा, "नहीं, नहीं, हम इस पर विचार नहीं कर रहे हैं।'' इसके बाद वकील ने जनहित याचिका वापस ले ली। रामपुर सदर विधानसभा उपचुनाव के परिणाम पिछले वर्ष 8 दिसंबर को घोषित हुए थे और इसमें भारतीय जनता पार्टी उम्मीदवार आकाश सक्सेना ने जीत दर्ज की थी।