यूपी पुलिस के गुडवर्क पर सवाल, नोएडा एनकांउटर पर लटकी शक की तलवार

Edited By Punjab Kesari,Updated: 28 Oct, 2017 04:03 PM

question on up police goodwill noida encounter on suspicion of sword

प्रदेश में ताबड़तोड़ एनकाउंटर का दौर देखने को मिल रहा है, जिसमें कई एनकाउंटर सवालों के दायरे में भी आ रहे हैं। इसी कड़ी में नोएडा में बीती 3 अक्टूबर को हुए एनकाऊंटर पर मृतक के परिजनों ने सवाल उठाए है....

मेरठ/नोएडाः प्रदेश में ताबड़तोड़ एनकाउंटर का दौर देखने को मिल रहा है, जिसमें कई एनकाउंटर सवालों के दायरे में भी आ रहे हैं। इसी कड़ी में नोएडा में बीती 3 अक्टूबर को हुए एनकाऊंटर पर मृतक के परिजनों ने सवाल उठाए है। परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने मृतक को 3 दिन पहले ही उठा लिया था और फर्जी मुठभेड़ में उसे मरा हुआ घोषित किया है।

पुलिस प्रशासन पर उठे सवाल
इतना ही नहीं परिजनों का आरोप है कि मृतक पर कोई मुकदमा तक दर्ज नहीं था, लेकिन मुठभेड़ के बाद उस पर मुकदमे दर्ज किए गए। ऐसे में परिवार ने अब इस पूरे मामले की सीबीआई से जांच कराने की मांग की है।

थर्ड डिग्री ने ली सुमित की जान
परिजनों की मानें तो बागपत के चिरचिटा गांव के सुमित की मौत पूछताछ के लिए हिरासत में लिए जाने के दौरान दी गई थर्ड डिग्री से हुई है। मौत के बाद पुलिस ने उसे एनकाउंटर का नाम देकर पुलिस अभिरक्षा में हुई मौत को दबाने का प्रयास किया है। उसको थर्ड डिग्री दी गई है। उसके निशान सुमित के शव पर कई जगह थे। कई जगह शव नीला पड़ा हुआ था। कई हड्डी टूटी थी।

एनकाउंटर से पहले ही हो चुकी थी गिरफ्तारी
उल्लेखनीय है कि बीती 3 अक्टूबर को नोएडा में पुलिस ने एक मुठभेड़ में बदमाश सुमित गुर्जर को मार गिराने का खुलासा किया था। बकायदा उस पर 25 हजार रुपए का इनाम बताया गया था, लेकिन मृतक सुमित के परिजनों ने इस मुठभेड़ को फर्जी बताया है।

निर्दोष के सिर मड़ा सारा दोषः मृतक के परिजन 
इस मामले को लेकर आज मृतक सुमित गुर्जर के परिजन मेरठ पहुंचे और सपा नेता अतुल प्रधान के आवास पर एक प्रेस वार्ता करते हुए उन्होंने बताया कि 30 सितंबर को पुलिस सुमित को उठाकर ले गई थी, जिसकी परिजनों ने जगह-जगह शिकायत भी की। लेकिन कोई सही जवाब नहीं मिला।

मामले की हो सीबीआई जांच
बकायदा बागपत में महापंचायत भी हुई जिसमें भाजपा प्रतिनिधि मण्डल ने उन्हें इस मामले की निष्पक्ष जांच कराने का आश्वाशन भी दिया था, लेकिन उन्होंने अपना वायदा पूरा नहीं किया। परिजनों का कहना है कि जो मुकदमे पुलिस ने शुरू में मृतक सुमित पर दिखाए थे वो मृतक सुमित पर नहीं बल्कि उसी के नाम के एक अन्य सुमित गुर्जर बदमाश पर दर्ज थे।

आमरण अनशन की चेतावनी, सपा नेता ने दिया आश्वासन
ऐसे में उन्होंने सुमित के साथ इन्साफ की मांग को लेकर इस मामले की सीबीआई जांच कराने की मांग की है। उनका साफ तौर से कहना है कि यदि उन्हें इन्साफ नहीं मिला तो वो आमरण अनशन पर बैठने से भी पीछे नहीं हटेंगे। उन्होंने सपा नेता अतुल प्रधान से मुलाक़ात कर उनसे भी उन्हें इन्साफ दिलाने की गुहार लगाई है। वहीं सपा नेता ने भी उन्हें आश्वाशन दिया कि वो हर तरह से आंदोलन करेंगे। 

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