Edited By Ajay kumar,Updated: 16 Feb, 2024 08:58 PM
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अग्रिम जमानत से जुड़े एक मामले में राहत देने से इनकार करते हुए कहा कि अग्रिम जमानत की राहत का उद्देश्य व्यक्तिगत अधिकारों की रक्षा करना है।
प्रयागराज : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अग्रिम जमानत से जुड़े एक मामले में राहत देने से इनकार करते हुए कहा कि अग्रिम जमानत की राहत का उद्देश्य व्यक्तिगत अधिकारों की रक्षा करना है। यह गिरफ्तारी की शक्ति के दुरुपयोग को रोकने और निर्दोष व्यक्तियों को उत्पीड़न से बचाने के लिए एक महत्वपूर्ण उपकरण के रूप में कार्य करता है। मामले की योग्यता के अनुसार ही अग्रिम जमानत आवेदन स्वीकार या अस्वीकार किया जा सकता है।
वर्तमान, अग्रिम जमानत आवेदन योग्यता से रहित
उपरोक्त के मद्देनजर वर्तमान, अग्रिम जमानत आवेदन योग्यता से रहित होने के कारण खारिज कर दिया गया। उक्त आदेश न्यायमूर्ति कृष्णा पहल की पीठ ने रंजीत की अग्रिम जमानत याचिका को खारिज करते हुए पारित किया। मामले के अनुसार याची ने अपना नाम और माता-पिता का नाम बदलकर तीन बार पासपोर्ट के लिए आवेदन किया, जिसके कारण 1967 की धाराओं के तहत, गोरखपुर में याची के खिलाफ मामला दर्ज किया गया।