Edited By ,Updated: 10 Dec, 2015 01:02 PM
उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले में बुधवार को मतदान के दौरान हुई हिंसा को रोकने में नाकाम जिम्मेदारों को खिलाफ राज्य चुनाव आयोग ने कड़ी कार्रवाई की है।
प्रतापगढ़: उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले में बुधवार को मतदान के दौरान हुई हिंसा को रोकने में नाकाम जिम्मेदारों को खिलाफ राज्य चुनाव आयोग ने कड़ी कार्रवाई की है। राज्य चुनाव आयोग ने लापरवाही बरतने पर डीएम अमृत त्रिपाठी, एसपी सुनील कुमार सक्सेना, कुंडा एसडीएम एके श्रीवास्तव और सर्कल ऑफिसर केएन मिश्र और संग्रामगढ़ पुलिस स्टेशन इंचार्ज शभाजीत मिश्र को सस्पेंड कर दिया गया। वहीं, आयोग ने पांच पोलिंग बूथों पर दोबारा से मतदान कराने का फैसला लिया है। इसमें दो बूथ प्रतापगढ़ और एक-एक बूथ आजमगढ़, जौनपुर और बदायूं का शामिल है।
बता दें, बुधावार को प्रतापगढ़ में आखिरी चरण के मतदान के दौरान कई जगहों पर हिंसक घटनाएं हुईं। कुंडा क्षेत्र में उपद्रव के बाद दो बूथों पर मतपेटियां लूट ली गईं। बंछदामऊ में मारपीट के बाद तुरंत कोई कारवाई न होने से सांप्रदायिक तनाव हो गया। दो संप्रदाय के बीच मारपीट और फायरिंग हुई। इस बीच एक प्रत्याशी की जीप भी जला दी गई। यही नहीं फायरिंग में एक सिपाही भी घायल हो गया। मामले को गंभीरता से लेते हुए राज्य चुनाव आयोग ने अखिलेश सरकार से कहा है कि एक स्पेशल टास्क फोर्स का गठन कर हिंसक घटनाओं का नेतृत्व करने वालों की पहचान करने को कहा है। ताकि उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जा सके।
राज्य निर्वाचन आयुक्त एसके अग्रवाल का कहना है कि अंतिम चरण में प्रतापगढ़ के अलावा पूरे प्रदेश में शांतिपूर्ण मतदान हुआ। प्रतापगढ़ में हुई हिंसा में सीधे तौर पर वहां के अधिकारी जिम्मेदार हैं, जिन्होंने समय रहने स्थिति को काबू नहीं किया। एसके अग्रवाल ने 13 दिसंबर को मतगणना से पहले नए डीएम और एसपी नियुक्त करने के लिए भी निर्देश दिया है। नई नियुक्ति तक डीआइजी और कमिश्नर को जिले का दायित्व सौंपने की हिदायत दी है।