Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 05 Apr, 2024 11:48 AM
यूपी के बांदा जेल में बंद माफिया मुख्तार अंसारी की मौत सवालों के घेरे में है। माफिया मुख्तार अंसारी की मौत को लेकर ल...
गाजीपुर: यूपी के बांदा जेल में बंद माफिया मुख्तार अंसारी की मौत सवालों के घेरे में है। माफिया मुख्तार अंसारी की मौत को लेकर लगातार सवाल उठ रहे हैं। वहीं गाजीपुर में माफिया मुख्तार की मौत के 8 दिन बाद उनकी कब्र पर छोटा बेटा उमर अंसारी पहुंचा। कब्र पर पहुंचते ही उमर भावुक हो उठा। कहा कि पापा गरीबों के रहनुमा थे। उनके लिए कभी वो ढाल बनकर खड़े रहे तो कभी तलवार बनकर लड़े.।आम जनता के साथ-साथ अमेरिका, इंग्लैंड, दुबई, कतर, मॉरिशस और सिंगापुर से भी वीडियो कॉल और फोन आ रहे हैं। सभी को पापा के इस तरह चले जाने का दुख है। वे उनकी आत्मा की शांति के लिए दुआ कर रहे हैं।
'पिता की स्वाभाविक मौत नहीं, बल्कि सुनियोजित हत्या'
भावुर उमर ने पिता मुख्तार की मौत पर भी सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि पापा बिल्कुल फिट थे, अचानक खाना खाकर बीमार हुए और हार्टअटैक से उनकी मौत हो गई। ऐसे कैसे हो सकता है? उमर ने कहा कि जेल में जब पिता बेहोश होकर गिर गए तो उनको बांदा मेडिकल कॉलेज के आईसीयू में भर्ती करवाया गया। कोई आईसीयू में स्वस्थ भी हो जाता है तो उसे ऑब्जर्वेशन में रखा जाता है, लेकिन मेरे पापा को सीधे जेल गए। ये स्वाभाविक मौत नहीं, बल्कि सुनियोजित हत्या है।
लोगों की मदद करता रहूंगा जैसे मेरे पापा करते थे- उमर
उमर अंसारी ने कहा कि 28 मार्च को उनके इंतकाल से तीन घंटे पहले ही मेरी उनसे बात हुई थी। उन्होंने मुझे पहले भी बताया था कि उन्हें धीमा जहर देकर मारने की कोशिश की जा रही है। उमर का आरोप है कि उनके बड़े भाई अब्बास को पिता की अंतिम विदाई तक में नहीं आने दिया गया। ये तो अन्याय है। एक बेटे को पिता से आखिरी बार मिलने का मौका जरूर देना चाहिए था, लेकिन उम्मीद है कि चालीसवां से पहले अब्बास जरूर आएंगे। उमर ने कहा कि मेरे पिता गरीबों की हमेशा मदद करते थे। यही कारण है कि उनकी कब्र के दीदार के लिए दूर-दूर से जनता आ रही है। वे गरीबों के हक की लड़ाई लड़ते थे। यही मैं भी करूंगा। उनकी मदद करता रहूंगा जैसे मेरे पापा करते थे।