Edited By Anil Kapoor,Updated: 25 Feb, 2025 06:01 AM
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Mahakumbh 2025: केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा जारी आंकड़ों से पता चलता है कि कुंभ क्षेत्र में 62 करोड़ से अधिक तीर्थयात्रियों की भारी भीड़ और हजारों वाहनों की आवाजाही के बावजूद, वायु की गुणवत्ता खराब नहीं हुई। उत्तर प्रदेश सरकार...
Mahakumbh 2025: केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा जारी आंकड़ों से पता चलता है कि कुंभ क्षेत्र में 62 करोड़ से अधिक तीर्थयात्रियों की भारी भीड़ और हजारों वाहनों की आवाजाही के बावजूद, वायु की गुणवत्ता खराब नहीं हुई। उत्तर प्रदेश सरकार ने सोमवार को एक बयान में यह जानकारी दी। देश की 60 प्रतिशत से अधिक आबादी ने महाकुंभ में पवित्र संगम में डुबकी लगाई है। इसके अलावा, लाखों वाहनों की भी इस क्षेत्र में आवाजाही हुई है।
क्या कहना है CPCB के पर्यावरण सलाहकार इंजीनियर शेख शिराज का?
मिली जानकारी के मुताबिक, सीपीसीबी के पर्यावरण सलाहकार इंजीनियर शेख शिराज ने कहा कि महाकुंभ के दौरान वायु गुणवत्ता ‘ग्रीन जोन' में रही। उन्होंने कहा कि महत्वपूर्ण तिथियों पर वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) इस प्रकार रहा: 13 जनवरी (पौष पूर्णिमा) को 67, 14 जनवरी (मकर संक्रांति) को 67, 29 जनवरी (मौनी अमावस्या) को 106, 3 फरवरी (बसंत पंचमी) को 65 और 12 फरवरी (माघी पूर्णिमा) को 52। एक्यूआई में ‘‘100'' से नीचे के आंकड़े को अच्छा माना जाता है, जबकि ‘‘100 से 150'' को मध्यम श्रेणी में रखा जाता है।
महाकुंभ क्षेत्र की वायु गुणवत्ता 42 दिनों तक ‘ग्रीन जोन' में रही
बताया जा रहा है कि मौनी अमावस्या को छोड़कर, अन्य सभी दिनों में वायु गुणवत्ता को अच्छे के रूप में वर्गीकृत किया गया। बयान में कहा गया कि श्रद्धालुओं की लगातार आवाजाही और बड़ी संख्या में ईंधन चालित वाहनों की मौजूदगी के बावजूद, शहर की वायु गुणवत्ता 42 दिनों तक ‘ग्रीन जोन' में रही।