Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 20 Jul, 2022 01:50 PM
संगम नगरी प्रयागराज में भगवान शिव का एक अनोखा धाम है, जिसे उनके भक्त शिव कचहरी कहते हैं। माना जाता है कि भगवान शिव के इस धाम में भोले भंडारी कल्याण दाता के रुप में..
प्रयागराजः संगम नगरी प्रयागराज में भगवान शिव का एक अनोखा धाम है, जिसे उनके भक्त शिव कचहरी कहते हैं। माना जाता है कि भगवान शिव के इस धाम में भोले भंडारी कल्याण दाता के रुप में नहीं बल्कि एक न्यायाधीश के रुप में प्रतिष्ठित है। यहां शंकर ही जज और वकील है और यहां आने वाले उनके भक्त मुलजिम है। यह मानते हुए भगत भोलेनाथ से अपनी गलतियों की माफी मांगते है।
बता दें कि जिले के गंगा तट पर गुम्बद रहित एक इमारत है। जिसे देखने पर वह एक अंग्रेजी हुकूमत के समय की अदालतों की तरह लगती है, लेकिन वो अदालत की शक्ल में बना हुआ शिव मंदिर है। जो पूरी तरह से एक अदालत की शक्ल में बना हुआ है। यहा पर श्रद्धालु जाने अनजाने खुद से हुई गलतियों और पापों की माफी मांगने के लिए आते है। शिव भक्त यहां पर कान पकड़कर शिव जी के सामने उठक बैठक करते है ताकि महादेव उनकी गलतियों और पाप से उन्हें मुक्त कर दें। इस मंदिर में 288 शिवलिंग है। जिसमे एक प्रमुख बड़े शिवलिंग को भक्त न्यायाधिपति के रूप में देखते हैं और शेष 287 लघु शिवलिंगों
को वकीलों के रुप में देखते है।
लोगों का कहना है कि इंसान को उसके पुण्य कर्मों का फल तब तक नहीं मिलता जब तक वह पापों से मुक्त न हो जाए। इसी बात को मानते हुए भगवान शिव के भगत यहां अपनी गलतियों और पापों से मुक्ति की कामना लेकर पहुंचते है। शिव कचहरी के एक कोने से लेकर दूसरे कोने तक जहा भी आप की नजर जायेगी अधिवक्ता स्वरूप शिवलिंग ही नजर आएगे। सुबह और शाम भक्तजन भगवान शंकर की आरती करते है। लेकिन सावन के महीने में यहाँ शिव भक्तों का भारी हुजूम उमड़ता है।